देश इस वक्त कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रहा है. लेकिन दूसरी ओर लद्दाख में चीनी सैनिकों ने भी सिरदर्द बढ़ाया हुआ है. लद्दाख में जारी तनाव को खत्म करने के लिए 6 जून को दोनों देशों की सेनाओं ने बैठक की. इसी पर चर्चा करने के लिए सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के प्रमुख और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत के साथ मीटिंग की.
सूत्रों की मानें तो इस बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुख और CDS के द्वारा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के ताजा हालात की जानकारी दी गई. बैठक में मौजूदा हालात के साथ-साथ भविष्य की रणनीति को लेकर चर्चा की गई.
6 जून की बैठक में दोनों देशों ने जिन मसलों को उठाया, दोनों देश जिस मुद्दे पर आपत्ति जता रहे थे उसको लेकर भी इस बैठक में चर्चा हुई. रक्षा मंत्री और सेना के अधिकारियों के बीच ये बैठक करीब एक घंटे तक चली.
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गौरतलब है कि लद्दाख में मई की शुरुआत से ही भारत और चीन के बीच विवाद जारी है. भारत का आरोप है कि चीनी सैनिक लद्दाख में उस इलाके तक घुस आए हैं, जो हमारा है. लेकिन चीन इसे ही LAC की लाइन करार दे रहा है, ऐसे में कई बार दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने भी आए हैं.
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कई राउंड की बातचीत फेल होने के बाद 6 जून को दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट लेवल की बातचीत हुई, जिसमें मुद्दे को बातचीत से सुलझाने पर जोर दिया गया. भारत की ओर से इस बैठक में सख्ती से मांग रखी गई कि अप्रैल से पहले वाली स्थिति को दोबारा बहाल किया जाए. हालांकि, इसपर अभी कुछ फैसला नहीं हुआ है और फिर से बातचीत जारी रहेगी.
चीन की स्थिति को लेकर सरकार बैकफुट पर दिखाई पड़ रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी, AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी समेत विपक्ष के कई नेता लगातार सरकार पर निशाना साध रहे हैं और मौजूदा हालात की सही जानकारी मांग रहे हैं.