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सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले डीएस हुड्डा बोले- LAC पर चीन ने किया निर्माण, इस बार उसकी मंशा अलग

भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. इस बीच सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाने वाले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. हुड्डा ने कहा है कि LAC पर चीन इसबार अलग मंशा से आया है.

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रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. हुड्डा
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. हुड्डा

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  • भारत-चीन तनाव पर डीएस हुड्डा का बयान
  • PLA ने LAC पर बदलाव को मजबूर किया: हुड्डा

भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है. लद्दाख के पास गलवान घाटी और पैंगोंग झील के इलाके में चीन और भारत की सेना आमने-सामने हैं, इस बीच स्थिति तनावपूर्ण है. पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. हुड्डा ने कहा है कि चीन जो हरकत कर रहा है, उसके पीछे उसका कुछ बड़ा प्लान है.

डीएस हुड्डा ने कहा कि इस बार चीन ने जो हरकत की है, वो पहले से काफी अलग है. हिंसक झड़प करने के साथ ही चीन ने सभी नियम तोड़ दिए और अब भविष्य में LAC के हालात पहले जैसे नहीं होंगे. भले ही अब ये मामला सुलझ जाए, लेकिन जवानों के लिए चुनौती बरकरार रहेगी.

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अंग्रेजी अखबार डेक्कन हेराल्ड को दिए इंटरव्यू में रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. हुड्डा ने कहा कि चीन इस बार दौलत-बेग ओल्डी के पास अंदर घुसना चाहता है और उसने संदेश देने की कोशिश की है कि वो इसके लिए कुछ भी कर सकता है.

उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में चीन ने पैंगोंग त्सो के पास LAC की स्थिति को बदल दिया है. उन्होंने LAC में काफी निर्माण कर लिया है, ऐसे में भारत के सामने अब यही सबसे बड़ी चुनौती है कि उन्हें वापस कैसे भेजें और पहले की स्थिति स्थापित करें.

डीएस हुड्डा ने कहा कि भारत को अब कई तरह से संभलकर काम करना होगा, इसमें सैन्य लेवल पर बात करने के साथ-साथ डिप्लोमेटिक तौर पर भी चर्चा करनी होगी.

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क्या चीन में पाकिस्तान की तरह सर्जिकल स्ट्राइक हो सकती है? डेक्कन हेराल्ड को दिए इंटरव्यू में इस सवाल पर उन्होंने कहा कि दोनों स्थिति पूरी तरह से अलग हैं, भारतीय सेना मजबूत है. लेकिन इस विवाद को राजनीतिक और डिप्लोमेटिक स्तर पर निपटाना चाहिए, लेकिन सेना को किसी भी तरह की चुनौती के लिए तैयार होना चाहिए.

दोनों देशों के बीच के समझौते पर डीएस हुड्डा ने कहा कि अगर बात खुद की जान बचाने की हो तो सेल्फ डिफेंस के वक्त किसी तरह का प्रोटोकॉल मायने नहीं रखता है. आपको बता दें कि 15 जून की रात को भारत और चीन के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे तभी से हालात बेकाबू हैं.

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