scorecardresearch
 

आज दिल्ली में मिलेंगे भारत-चीन के NSA, डोकलाम के बाद पहली बार सीमा मसले पर बात

भारत और चीन के बीच बातचीत का ये 20वां राउंड है, ये बैठक दो दिन तक चलेगी. आपको बता दें कि अभी हाल ही में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी अपने चीनी समकक्ष वांग यी से बात की थी.

Advertisement
X
फाइल फोटो
फाइल फोटो

Advertisement

भारत और चीन के बीच हुए डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों के NSA आज पहली बार नई दिल्ली में बैठक करेंगे. भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के यांग जीची से बात करेंगे. भारत और चीन के बीच बातचीत का ये 20वां राउंड है, ये बैठक दो दिन तक चलेगी. आपको बता दें कि अभी हाल ही में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी अपने चीनी समकक्ष वांग यी से बात की थी.

गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद को सुलझाने का जिम्मा अजीत डोभाल के जिम्मे ही है. डोकलाम विवाद सुलझाने का श्रेय भी अजीत डोभाल को ही जाता है. अजित डोभाल 27 जुलाई को जब बीजिंग में चीन के स्टेट काउंसलर यांग जिएची से इस मुद्दे पर बात की थी. खबर की मानें, तो दोनों के बीच काफी सख्त लहजे में बातचीत हुई थी. यांग ने डोकलाम पर डोभाल से सीधा सवाल किया था कि क्या ये आपकी जगह है? इसका जवाब भी डोभाल ने अपने अंदाज में दिया कि क्या हर विवादित क्षेत्र चीन का हो जाता है?

Advertisement

कई मुद्दों पर चीन से नाराजगी

उधर चीन लगातार पाकिस्तान के समर्थन में आवाज उठाता रहा है. चीन PoK में CPEC का निर्माण कर रहा है, इसका भारत लंबे समय से विरोध कर रहा है. भारत का कहना है कि PoK भारत का अभिन्न हिस्सा है, जिस पर पाकिस्तान ने अवैध कब्ज कर रखा है. भारत का कहना है कि चीन की ओर से PoK में CPEC का निर्माण करना उसकी संप्रभुता का उल्लंघन है. इसी के चलते भारत ने चीन में आयोजित OBOR समिट का भी बहिष्कार किया था.

आपको बता दें कि डोकलाम विवाद के बाद से ही भारत और चीन के बीच रिश्तों में खटास चल रही है. अभी पिछले माह नवंबर में ही चीन और भारत के अधिकारियों ने बीजिंग में भारत-चीन मामलों पर परामर्श व समन्वय कार्यतंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) के 10वें चरण में सीमा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की थी.

क्या था डोकलाम विवाद?

बता दें, इसी साल जून से लेकर अगस्त के अंतिम हफ्ते तक भारत-चीन बॉर्डर के डोकलाम इलाके में देनों देशों की सेनाओं के बीच तनातनी देखने को मिली थी. ये माहौल काफी तनावपूर्ण था. ये विवाद सड़क बनाने को लेकर ही शुरू हुआ था. दरअसल भारतीय सेना के दल ने चीन के सैनिकों को इस इलाके में सड़क बनाने से रोका था. चीन का दावा है था कि वह अपने इलाके में सड़क निर्माण कर रहा है. जबकि इस इलाके को भारत के लिहास से ये इलाके काफी महत्वपूर्ण है. चीन ये भी दावा करता है कि ये इलाका उसके डोंगलांग रीजन का हिस्सा है.

Advertisement

Advertisement
Advertisement