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क्या लद्दाख में भारत खो चुका है 5000 वर्ग किलोमीटर जमीन? कांग्रेस ने उठाए सवाल

चीन के मुद्दे पर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. अब यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है.

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भारतीय सेना के वाहन (सांकेतिक तस्वीर- पीटीआई)
भारतीय सेना के वाहन (सांकेतिक तस्वीर- पीटीआई)

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  • भारत और चीन के बीच तनाव जारी
  • केंद्र सरकार पर कांग्रेस हमलावर

भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति देखी जा रही है. इस बीच चीन के मसले को लेकर कांग्रेस भी लगातार केंद्र सरकार पर हमलावार है. अब कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा है कि क्या हम लद्दाख में 5000 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा खो चुके हैं.

चीन के मुद्दे पर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. अब यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर सवाल किया है कि क्या लद्दाख में 5000 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा हम चीन के हाथों गंवा चुके हैं?

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यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने ट्वीट कर कहा, '11 मार्च 2020 को संसद में ऑन रिकॉर्ड बयान में विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने कहा था कि लद्दाख का 38,000 वर्ग किलोमीटर चीन के नियंत्रण में है. वहीं आज प्रधानमंत्री के बयान पर पीएमओ की ओर से सफाई जारी की गई और कहा कि लद्दाख का 43,000 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा चीन के कंट्रोल में है. 5000 वर्ग किलोमीटर खो चुके हैं?'

क्या है मामला?

दरअसल, चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में यह दावा किया था कि हमारी जमीन में न तो कोई घुसा है और न ही कोई घुसा था. इस बयान को आधार बनाकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि पीएम ने चीन के आक्रामक रवैये के सामने देश की जमीन सरेंडर कर दी है. राहुल ने कई सवाल भी खड़े किए. इन तमाम सवालों के बीच प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से सफाई दी गई.

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सरकार की ओर से कहा गया है कि भारत का क्षेत्र कितना है, यह हमारे नक्शे से स्पष्ट है. सरकार इसकी रक्षा के लिए संकल्पबद्ध है. सरकार की ओर से यह भी बताया गया कि सर्वदलीय बैठक में इस पर भी जानकारी दी गई कि पिछले 60 साल में 43000 वर्ग किलोमीटर भूभाग पर कब्जा किया गया है, जिसकी जानकारी देश को है. हम एलएसी पर एकतरफा परिवर्तन नहीं करने देंगे. एलएसी में बदलाव की किसी भी कोशिश का भारत मजबूती से जवाब देगा. ऐसी चुनौतियों का भारतीय सेना पहले की अपेक्षा मजबूती से सामना करती है.

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