scorecardresearch
 

चीनी राष्ट्रपति को PM मोदी का बेबाक जवाब- रिश्‍ते में मजबूती के लिए जल्द सुलझाएं LAC विवाद

जापान की मदद से काशी को क्योटो की तरह बनाने के लिए समझौता करने वाले नरेंद्र मोदी अब चीन की मदद से मुंबई को शंघाई जैसा बनाने जा रहे हैं. भारत और चीन के बीच नई दिल्ली में हुई शिखर वार्ता में 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. इनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए नए रूट, शंघाई की तर्ज पर मुंबई का विकास और रेलवे, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक क्षेत्र में सहयोग शामिल हैं.

Advertisement
X

जापान की मदद से काशी को क्योटो की तरह बनाने के लिए समझौता करने वाले नरेंद्र मोदी अब चीन की मदद से मुंबई को शंघाई जैसा बनाने जा रहे हैं. भारत और चीन के बीच नई दिल्ली में हुई शिखर वार्ता में 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. इनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए नए रूट, शंघाई की तर्ज पर मुंबई का विकास और रेलवे, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक क्षेत्र में सहयोग शामिल हैं. चीन ने आने वाले पांच साल में भारत में 20 बिलियन डॉलर के निवेश और दो इंडस्ट्रियल पार्क बनाने का वादा किया है. शी जिनपिंग के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री ने सीमा पर घुसपैठ का मुद्दा भी उठाया.

Advertisement


 

 

हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच डेढ़ घंटे तक शिखर वार्ता चली. इसके बाद दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने साझा प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा भारतीय कंपनियों के चीन में विस्तार के लिए वहां की सरकार रास्ता आसान बनाए. पीएम मोदी ने कहा कि संबंध अच्छे रहने के लिए सीमा पर शांति रहना जरूरी है. चीन हमारी कंपनियों को चीन में निवेश करना आसान कराएं. मोदी ने बताया कि चीनी राष्ट्रपति ने इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया है.

भारत और चीन के बीच ये समझौते हुए
1. कैलाश यात्रा के लिए नए रूट पर समझौता
2. आर्थिक व्याापार हित पर भी समझौता
3. ऑडियो वीडियो मीडिया पर हुआ समझौता
4. रेलवे के आधुनिकीकरण पर समझौता
5. अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग को लेकर हुआ समझौता
6. स्वास्थ्य-सांस्कृतिक क्षेत्र में सहयोग को लेकर समझौता
7. कस्टम को आसान करने को लेकर समझौता
8. शंघाई की तरह मुंबई को विकसित करने के लिए समझौता
10. परमाणु बिजली के लिए समझौता
11. दो इंडस्ट्रियल पार्क बनाएगा चीन

Advertisement

 

 

 

 

 

भारत दौरे के दूसरे दिन चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग आज दिल्ली में हैं. सुबह 9 बजे उनका राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक स्वागत किया गया. चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और चीन की दोस्ती हजारों साल पुरानी है और दोस्ती में दोनों देशों का हित निहित है. जिनपिंग ने कहा कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में अपार संभावनाएं हैं और वह भारत से दोस्ती को बढ़ाना चाहते हैं. इसके बाद जिनपिंग राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्प अर्पित किए. फिर उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की.

तिब्बतियों का विरोध प्रदर्शन
चीनी राष्ट्रपति के भारत आने पर तिब्बती नागरिक पुरजोर विरोध कर रहे हैं. दिल्ली के मजनूं का टीला इलाके में उन्होंने 'स्वतंत्र तिब्बत' की तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी हैदराबाद हाउस तक पहुंच गए, जहां दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत चल रही थी. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और बस में बैठाकर ले गई. इस बीच तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कहा है कि भारत और चीन की दोस्ती एशिया के हित में है, लेकिन चीन को ज्यादा लोकतांत्रिक होना चाहिए. उन्होंने कहा, 'चीन को भारत से बहुत कुछ सीखना है. उसे एकता और अखंडता सीखनी है. तिब्बत भी भारत की समस्या है.'

Advertisement

भारतीय सीमा में घुसे हैं 1000 सैनिक!
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की यात्रा पर आए चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बीती रात हुई मुलाकात में चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाया. सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को अहमदाबाद पहुंचे शी के लिए निजी डिनर का आयोजन करने वाले मोदी ने चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर भारतीय चिंताओं से चीनी राष्ट्रपति को अवगत कराया था.

बताया जाता है कि चीनी सेना ने जम्मू कश्मीर के चुमार इलाके में नए सिरे से घुसपैठ की और लौटने से मना कर दिया. चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के करीब 1000 जवान पहाड़ी से चुमार इलाके में घुस आए हैं. लद्दाख के दमछोक में चीनी बंजारों ‘रेबोस’ द्वारा अपने तंबू गाड़े जाने का मसला अब भी जारी है.

स्कूल पहुंची चीनी राष्ट्रपति की पत्नी
वहीं चीन की प्रथम महिला पिंग लियुआन ने इस दौरान दिल्ली में एक स्कूल का दौरा किया. उन्होंने कहा, 'भारतीय महिलाएं खूबसूरत, मजबूत और मेहनती होती हैं.'

 

 

 

 

 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने गुरुवार सुबह संकेत दिए कि सीमा विवाद के मुद्दे को द्विपक्षीय बातचीत में दोबारा उठाया जाएगा. उन्होंने कहा, 'जब प्रमुख देशों के नेता मिलते हैं तो यह ठोस मुद्दों को उठाने का सही समय होता है. बुधवार को भी उच्च स्तर पर ये मुद्दे उठाए गए थे. हाल के दिनों में जो घटनाएं सामने आई हैं, वे भी आज बातचीत में उठाई जाएंगी. बातचीत का जो भी परिणाम होगा, आपको बताया जाएगा.'

Advertisement

 

 

 

 

कैसा रहा दौरे का पहला दिन
चीनी राष्ट्रपति अपनी पत्नी और कूटनीतिक दल के साथ तीन-दिवसीय भारत दौरे पर बुधवार को गुजरात के अहमदाबाद पहुंचे थे. प्रदेश की मुख्यमंत्री आनंदीबेन उनकी अगवानी करने पहुंची थीं. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शी और उनकी पत्नी पेंग लियुआन का हयात होटल में स्वागत किया था. दोनों देशों ने क्षेत्रीय मुद्दों और चीन के औद्योगिक पार्क से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.

होटल में चीनी राष्ट्रपति का स्वागत करने के बाद मोदी उन्हें वडनगर और बुद्ध से जुड़ी तस्वीरों की गैलरी दिखाने ले गए. सातवीं शताब्दी में चीनी यात्री ह्वेनसांग ने 15 साल तक अपने भारत प्रवास के दौरान वडनगर का दौरा किया था.

शी कोलंबो से अहमदाबाद पहुंचे हैं और वह इसके साथ ही भारत की यात्रा गुजरात से शुरू करने वाले दुनिया के पहले नेता हैं. गुजरात की व्यावसायिक राजधानी में चीनी राष्ट्रपति, उनकी पत्नी, मोदी और मुख्यमंत्री के होर्डिंग लगे हुए हैं.

अहमदाबाद में जिनपिंग महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम का दौरा किया और वहां कुछ समय मोदी के साथ बिताया. इसके बाद वह मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान बनाए साबरमती रिवरफ्रंट पार्क में आयोजित दावत में हिस्सा लिया. साबरमती रिवरफ्रंट पार्क मोदी की परियोजना थी और लंदन के टेम्स नदी की तर्ज पर बनाई गई है. शी के इस दौरे के साथ ही साबरमती रिवरफ्रंट अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में आ गया है.

Advertisement




दौरे के दो घंटे के भीतर 3 समझौतों पर हस्ताक्षर
मोदी और जिनपिंग की मौजूदगी में अहमदाबाद में बुधवार को तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए. इन तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होने के बाद अब चीन की औद्योगिक, स्वास्थ्य और शैक्षणिक अधोसंरचना अब गुजरात में भी तैयार होगी. राज्य सरकार के सूत्रों ने बताया कि चाइना डेवलपमेंट बैंक और गुजरात इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन राज्य में मिल कर औद्योगिक पार्क का निर्माण करेंगे. अहमदाबाद नगर निगम और चीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य, शहरी साफ-सफाई और शैक्षणिक संरचना उपलब्ध कराने के लिए समझौता किया. तीसरा समझौता चीन के ग्वांगदोंग प्रांत और गुजरात की सरकारों के बीच हुआ.

Advertisement
Advertisement