भूटान की जमीन पर खड़ा होकर चीन दुनिया को ये दिखाने में लगा है कि भारत ने उसकी जमीन पर अटैक किया है. चीन घुसपैठ का इल्जाम लगा रहा है और दावा कर रहा है कि भारत ने इंटरनेशनल नियमों को तोड़ा है. वहीं दूसरी तरफ बॉर्डर पर युद्ध के हालात पैदा करने के लिए कभी टैंक दौड़ा रहा है तो कभी युद्धाभ्यास कर रहा है. डोकलाम में चीन की सारी चाल उल्टी पड़ रही हैं और पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी है.
महज आठ लाख की आबादी वाले देश भूटान की जमीन पर कब्जा कर चीन भारत को घेरने का सपना देख रहा है. लेकिन डोकलाम में चीन की चालबाज़ी किसी से छिपी नहीं है. दुनिया जानती है कि चीन कितने पानी में है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने खुद बताया है कि इस मसले पर सारे देश उनके साथ हैं.
मगर चीन के तेवर देखकर ऐसा लगता है कि उसने डोकलाम को अपना बनाने की कसम खाई है. कभी वो कहता है कि डोकलाम में तिब्बत के लोग दो सौ साल पहले जानवर चराया करते थे, इसलिए डोकलाम चीन का है. इसलिए वो भारत पर दबाव बनाने की कोशिश करता रहता है. हाल ही में चीन ने धमकी भरे लहजे में कहा था कि नई दिल्ली को डोकलाम से अपने सैनिक तुरंत हटा लेने चाहिए, ताकि तनाव पैदा न हो.
हालांकि, चीन इस मसले पर अपनी हेकड़ी दिखा रहा है ये बात सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका भी मानता है. अमेरिका ने खुद चीन को चुप रहने की हिदायत दी है. वहीं दो दिनों के दौरे पर भारत आईं ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री जूली बिशप ने भी चीन को सलाह दी है कि वो डोकलाम में संयम बरते और भारत से बात करे.
बावजूद इसके चीन है कि अपने तेवर बदलने को राजी नहीं है. यहां तक कि हाल में खबर आई है कि चीन ने तिब्बत क्षेत्र में हथियारों का जखीरा जमा करना शुरू कर दिया है. जिससे ये जाहिर होता है कि चीन के इरादे नेक नहीं हैं. हालांकि, भारत का मानना है कि चीन के साथ बातचीत के सभी स्तर खुले हैं और दोनों के बीच कूटनीतिक स्तर से मामला सुलझा लिया जाएगा.