भारत चीन सरहद पर चीन की घुसपैठ वाली चाल का पर्दाफाश एक बार फिर हुआ है. सरहद के अलग-अलग सेक्टर में चीनी सैनिक यानी पीएलए ने ताबड़तोड़ घुसपैठ कर यह जताने की कोशिश की है. ITBP सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चीनी सैनिकों ने लद्दाख के अलग-अलग सेक्टर में जुलाई के महीने में कई बार घुसपैठ तो की ही है साथ ही उत्तराखंड के बाराहोती इलाके में भी चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की है.
'आजतक' को मिली जानकारी के मुताबिक, 20 जुलाई को करीब 9 बजकर 50 मिनट पर चीनी सैनिको का एक ग्रुप नॉर्थ लद्दाख के डेपसांग प्लेन में करीब 19 किलोमीटर भारतीय सीमा के अंदर घुस आया था. ITBP के जवानों के विरोध के बाद चीनी सैनिक वापस चले गए.
दूसरे दिन यानी 21 जुलाई को चीन की सेना ने फिर वही हरकत की. करीब 18 किलोमीटर घुसपैठ भारतीय सीमा के अंदर डेपसांग के इलाके में की. जानकारों की मानें तो ये इलाका भारत के लिए सामरिक रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसीलिए चीन इस इलाके में बार-बार घुसपैठ करता है. सूत्रों ने जानकारी दी है कि उत्तरी लद्दाख के डेपसांग प्लेन में 28 जुलाई और 31 जुलाई को चीन सेना PLA ने 17 से 18 किलोमीटर अंदर तक घुसपैठ की. इसका भारतीय सुरक्षा बलों ने जमकर विरोध किया.
बता दें कि चीनी सैनिकों ने सिर्फ लद्दाख के डेपसांग में ही घुसपैठ नहीं की बल्कि लद्दाख के ही ट्रिग हाइट और ट्रेक्ट जंक्शन में भी चीनी सैनिकों ने ताबड़तोड़ 21 जुलाई, 28 जुलाई और 29 जुलाई को घुसपैठ की. यह घुसपैठ 1 किलोमीटर से लेकर 5 किलोमीटर अंदर तक की थी. इसमें भारतीय सुरक्षाबलों ने जब विरोध किया तो चीनी सैनिक ट्रिग हाइट के इस इलाके से वापस चले गए.
यही नहीं, चीन ने थाकुंग पोस्ट के पास पैंगोंग झील के नजदीक तक गाड़ी के जरिए सुबह 8 बजे 22 जुलाई को 2 किलोमीटर अंदर तक घुसपैठ की.
बता दें कि पेंगोंग हिमालय में एक झील है. जिसकी ऊंचाई लगभग 4500 मीटर है. यह 134 किमी लंबी है और भारत के लद्दाख से तिब्बत पहुंचती है. इस झील का करीब 60 फीसदी हिस्सा चीन में है. साथ ही इस झील का 45 किलोमीटर का हिस्सा भारत में है, जबकि 90 किलोमीटर हिस्सा चीनी क्षेत्र में पड़ता है. पैंगोंग का ये वही इलाका है जहां पर पिछले साल अगस्त (Agust 2017) के महीने में चीनी सैनिकों ने भारतीय सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी की थी. इस इलाके में भी चीनी सेना ने पिछले महीने में घुसपैठ की है.
उत्तराखंड के बाराहोती और रिमखिम ऐसी जगह है, जहां पर चीनी सैनिक अलग-अलग तरीकों से घुसपैठ करते रहते हैं. पिछले 30 जुलाई को चीनी सैनिकों ने उत्तराखंड के बाराहोती में करीब साढ़े तीन किलोमीटर अंदर रिमखिम इलाके में घुसपैठ कर अंदर तक आ गए थे. आईटीबीपी इस इलाके में निगरानी करता है. आईटीबीपी के जवानों ने जब विरोध किया तो उसके बाद चीनी सैनिक इस इलाके से वापस चले गए. चीनी सैनिकों का इस इलाके में आने का सिलसिला इससे पहले भी जारी रहा है.
जुलाई के पहले सप्ताह में ताबड़तोड़ घुसपैठ की ITBP सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चीनी सैनिकों ने 10 जुलाई को बाराहोती के तुनजून ला के पास मोटरसाइकिल के जरिए घुसपैठ की. एक चीनी सैनिक अपनी मोटरसाइकिल पर सवार था. करीब 500 मीटर अंदर बाराहोती के इलाके में घुस आया. आईटीबीपी के विरोध के बाद यह चीनी सैनिक बाराहोती के इस इलाके से वापस चला गया.
आईटीबीपी सूत्रों ने यह जानकारी दी है कि एक ही महीने में यानी जुलाई के महीने में करीब 5 बार बाराहोती इलाके में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की है. 8 जुलाई को भी चीन के 32 सैनिकों ने आधा दर्जन छोटी गाड़ियों के जरिए घुसपैठ किया था. यहां पर मौजूद होतीगाद के इलाके में करीब 4 किलोमीटर अंदर चीनी सैनिक घुस आए थे. बता दें कि इन गाड़ियों के साथ- साथ 8 जुलाई को ही एक दर्जन चीनी सैनिक घोड़े पर सवार होकर होतीगाद के इलाके में घुस आए थे. भारतीय सुरक्षा बलों के विरोध के बाद यह चीनी सैनिक वापस तो लौट गए. लेकिन अपना कुछ सामान यानी खाली पानी की बोतल और कोल्डड्रिंक की बोतल छोड़ कर चले गए.