scorecardresearch
 

भारत-चीन रणनीतिक आर्थिक वार्ता सोमवार को

भारत और चीन के बीच रणनीतिक आर्थिक वार्ता सोमवार को होगी जिसमें बुनियादी ढांचा, ऊर्जा तथा सूचना प्रौद्योगिकी समेत विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर विशेष चर्चा होगी.

Advertisement
X

भारत और चीन के बीच रणनीतिक आर्थिक वार्ता सोमवार को होगी जिसमें बुनियादी ढांचा, ऊर्जा तथा सूचना प्रौद्योगिकी समेत विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर विशेष चर्चा होगी. हाल ही में कंबोडिया यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चीन के प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात में चीनी निवेशकों को भारत में निवेश का न्यौता दिया था.

Advertisement

इस तरह की यह दूसरी वार्ता है जिसका उद्देश्य तीव्र आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर अग्रसर दोनों देशों के बीच निवेश और व्यापार गतिविधियों को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा करना है. यह बातचीत ऐसे समय हो रही है जब पश्चिमी दुनिया के देश आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. इस मौके पर दोनों देशों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों से संबद्ध 10 सहमति पत्र पर दस्तखत किये जाने की संभावना है.

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया करेंगे जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व राष्ट्रीय विकास सुधार आयोग के चेयरमैन झांग पिंग करेंगे. हाल ही में प्रधानमंत्री ने कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में अपने चीनी समकक्ष वेन च्याबो के साथ सामेवार को बैठक के दौरान निवेश का न्यौता दिया. उन्होंने कहा कि इससे व्यापार असंतुलन दूर करने तथा रोजगार सृजन में मदद मिलेगी.

Advertisement

भारत, चीन के साथ बढ़ते व्यापार असंतुलन को लेकर चिंतित है. चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 40 अरब डालर हो गया है जबकि आपसी देशों का व्यापार 75 अरब डालर का है. इसके समाधान के लिये भारत खासकर सूचना प्रौद्योगिकी, सेवा तथा औषधि क्षेत्रों में चीनी बाजार में अपनी पहुंच बढ़ाने का रास्ता चाहता है.

योजना आयोग की सचिव सिंधुश्री खुल्लर ने कहा कि एक दिन चलने वाली रणनीतिक वार्ता के दौरान तीन सहमति पत्रों पर दस्तखत किये जाएंगे. इसमें योजना आयोग तथा चीन के राष्ट्रीय विकास तथा सुधार आयोग के बीच योजना तथा नीति समन्वय से जुड़ा है.

दूसरा सहमति पत्र ऊर्जा दक्षता उपायों को लेकर प्रौद्योगिकी तथा अनुभव साझा करने तथा तीसरा भारतीय सॉफ्टवेयर सेवा कंपनियों की एसोसिएशन नासकाम तथा चीनी की साफ्टवेयर सेवा कंपनियों के समकक्ष संगठन के बीच सहयोग के लिए होगा.

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के उद्यमियों के बीच भी कुछ सहमति पत्रों पर दस्तखत किए जाने की संभावना है. दोनों पक्षों ने ऐसी बैठकें करने का फैसला 2010 में वेन की भारत के समय किया था. ऐसी पहली बैठक पिछले वर्ष सितंबर बीजिंग में हुई थी. इस बीच, चीन में भारत के राजदूत एस जयशंकर ने सिंगापुर में कहा कि वार्ता के लिये करीब 200 चीनी व्यापार प्रतिनिधियों के नई दिल्ली जाने की संभावना है.

Advertisement
Advertisement