चीनी सैनिकों के 17 जून को भारतीय क्षेत्र में ‘अतिक्रमण’ और निगरानी कैमरे हटाने के बाद लद्दाख के चुमार इलाके में भारत और चीन की सेना ‘आमने-सामने’ आ गई थी.
अधिकारियों ने बताया कि घुसपैठ 17 जून को तब हुई जब चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) भारतीय क्षेत्र चुमार में घुस आई और निगरानी बंकरों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया. इसके अलावा उन्होंने चीनी क्षेत्र तक देखे जा सकने वाले उपकरणों के तारों को काट दिया. जिससे चीनी गश्ती दल की भारतीय गश्ती दल के साथ आमना-सामना होने की स्थिति आ गई थी.
अधिकारियों के मुताबिक चुमार में भारत के रणनीतिक बढ़त की स्थिति में होने और चीनी पक्ष की तरफ कुछ ‘संवेदनशीलता’ होने के कारण चीनी गश्ती दल अपने सामान्य शिविर की ओर लौट गए.’ उन्होंने कहा सीमा रक्षा समन्वय समझौता (बीडीसीए) ‘प्रगति पर है’. मगर इस संबंध में और विस्तार से जानकारी देने से इनकार कर दिया.
चुमार चीन के सैनिकों के लिए हमेशा से असहज स्थिति पैदा करने वाला इलाका रहा है क्योंकि भारत-चीन सीमा के पास यह एकमात्र ऐसी जगह है जहां उनकी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक पहुंच नहीं है. चीन की तरफ से यह इलाका पहुंच योग्य नहीं है जबकि भारतीय पक्ष का अंतिम बिंदु तक सड़क मार्ग है जिस पर सेना नौ टन तक का भार ले जा सकती है.
इस वर्ष मार्च के अंतिम हफ्ते में हुई फ्लैग बैठक में चीनी पक्ष ने चुमार में एलएसी के पास निगरानी टावर के निर्माण पर आपत्ति जताई थी. निगरानी चौकी और रक्षा बंकरों को ध्वस्त करने के बाद सेना ने एलएसी के पास चीनी सैनिकों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कैमरे लगाए थे जिससे पीएलए क्षुब्ध था.
बाद में चीन ने ताजा घुसपैठ का बचाव करते हुए कहा कि उसके सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ नहीं की बल्कि वो नियंत्रण रेखा के अपनी ओर गश्त कर रहे थे.