बेहतरीन बल्लेबाजी के बाद उम्दा गेंदबाजी का मुजाहिरा पेश करते हुए टीम इंडिया ने दूसरे क्रिकेट टेस्ट के चौथे ही दिन शुक्रवार को श्रीलंका को एक पारी और 144 रन से हराकर टेस्ट क्रिकेट में ऐतिहासिक सौंवी और उपमहाद्वीपीय प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ सबसे बड़ी जीत दर्ज करके श्रृंखला में 1-0 की अपराजेय बढ़त भी बना ली. गंभीर, सहवाग और द्रविड़ के सैकड़ों पर खड़े भारत के पहली पारी के 642 रन के पहाड़ के सामने श्रीलंकाई बल्लेबाजों का हर प्रयास बौना ही साबित हुआ. ‘कमबैक मैन’ एस श्रीसंत के कहर के सामने पहली पारी में 229 रन पर सिमटी मेहमान टीम फालोआन खेलते हुए दूसरी पारी में 269 रन ही बना सकी.
श्रीलंका के खिलाफ भारत की यह सबसे बड़ी टेस्ट जीत है. इससे पहले भारत ने 1994 में श्रीलंका को पारी और 119 रन से हराया था. मैच के हर सत्र में भारतीयों का दबदबा साफ नजर आया और पहला टेस्ट को बमुश्किल ड्रॉ कराने वाली महेंद्र सिंह धोनी की टीम पहले ही दिन से आक्रामक मूड में दिखी. गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग और राहुल द्रविड़ ने बल्ले के जौहर दिखाये तो मुरली-मेंडिस की जोड़ी भी बगलें झांकती दिखी.
गेंद से श्रीसंत और हरभजन सिंह ने कहर बरपा दिया. चौथे दिन शुक्रवार को तिलन समरवीरा (नाबाद 78) और अजंता मेंडिस (27) ने नौवें विकेट के लिये 73 रन जोड़कर भारत का इंतजार लंबा कराया लेकिन मेजबान की जीत दीवार पर लिखी इबारत की तरह साफ थी. भारत की यह टेस्ट क्रिकेट में सौंवी जीत है. भारत ने पहला टेस्ट 1932-33 में खेला था और पहली जीत 1952 में इंग्लैंड के खिलाफ दर्ज की थी.
वेस्टइंडीज ने भारत से चार साल पहले यानी 1928 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था लेकिन उसने 20 साल पहले दिसंबर 1988 में जीत का सैकड़ा पूरा कर दिया था. वेस्टइंडीज ने पर्थ में ऑस्ट्रेलिया को 169 रन से हराया था जो उसका 266वां मैच था. कैरेबियाई टीम ने तब 64 मैच गंवाये थे. पाकिस्तान ने तो भारत से 20 साल बाद टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा था लेकिन उसने आज से साढ़े तीन साल पहले ही जीत का शतक जमा दिया था. पाकिस्तानी टीम ने जब अप्रैल 2006 में श्रीलंका को कैंडी में आठ विकेट से हराकर अपने नाम पर 100वीं जीत लिखी थी तो यह उसका 320वां मैच था और उस समय उसके नाम पर 82 हार दर्ज थी.
दक्षिण अफ्रीका ने पाकिस्तान की उपलब्धि के दो सप्ताह बाद सेंचुरियन में न्यूजीलैंड को 128 रन से हराकर 100वीं जीत दर्ज करने वाली पांचवीं टीम बनने का गौरव हासिल किया था. इसके लिये उसने 310 मैच खेले. गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका बीच में लगभग 20 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बाहर रहा. भारत के अलावा वह एकमात्र ऐसी टीम है जिसने अपनी 100वीं जीत के समय अधिक मैच में हार झेली थी. तब तक उसे 111 मैच में पराजय झेलनी पड़ी थी. यही नहीं भारत ने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण के बाद 78वें साल में 100वीं टेस्ट जीत हासिल की. न्यूजीलैंड भविष्य में जब इस मुकाम पर पहुंचेगा तो तब उसे इसके लिये भारत से अधिक समय लगेगा. कीवी टीम तब संभवत: सबसे अधिक टेस्ट मैच में जीत का सैकड़ा पूरी करने वाली टीम भी बन जाए. उसने अब तक 354 मैच में 66 में जीत दर्ज की है जबकि 142 में उसे हार मिली है.
भारत ने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण के 20 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता था. छह से दस फरवरी 1952 के बीच इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में खेले गये इस मैच में भारत ने पारी और आठ रन से जीत दर्ज की थी. यदि भारत की पहली जीत की तारीख के बाद यदि उसके और अन्य टीमों के प्रदर्शन की तुलना की जाती है तो भारतीय टीम पीछे रह जाती है. ऑस्ट्रेलिया ने 10 फरवरी 1952 के बाद से लेकर अब तक 239, इंग्लैंड ने 197, वेस्टइंडीज ने 141 और दक्षिण अफ्रीका ने 104 मैच जीते. पाकिस्तान की जीत का सिलसिला तो इसके बाद शुरू हुआ था लेकिन उसके नाम पर अभी 103 जीत दर्ज हैं. वैसे आस्ट्रेलिया ने अब तक सर्वाधिक 332 मैच जीते हैं. उसके बाद इंग्लैंड (310), वेस्टइंडीज (152), दक्षिण अफ्रीका (120), पाकिस्तान (103), भारत (100), न्यूजीलैंड (66), श्रीलंका (60), जिम्बाब्वे (8) और बांग्लादेश (3) का नंबर आता है.