चक्रवाती तूफान वायु गुजरात की तरफ बढ़ रहा है. इस बार तूफान का नाम भारत ने रखा है. 12 से 13 जून के बीच यह सौराष्ट्र तट पर दस्तक दे सकता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार अभी इसकी गति 80 से 90 किमी प्रति घंटा है. लेकिन सौराष्ट्र तट तक पहुंचते-पहुंचते यह 110 से 135 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ लेगा. वहीं, पाकिस्तान मौसम विभाग के विज्ञानी अब्दुर राशिद ने बताया कि पाकिस्तानी तटों पर इसका ज्यादा असर नहीं होगा. लेकिन इसकी वजह से पाकिस्तान के तटीय इलाकों में हीट वेव (गर्मी) बढ़ सकती है. यह तूफान आगे जाकर कैटेगरी-3 का चक्रवात बन सकता है.
अब्दुर राशिद ने बताया कि चक्रवाती तूफान वायु की वजह से अरब सागर में दबाव के क्षेत्र बनेगा. इसी वजह से पाकिस्तानी तटीय इलाकों में गर्मी बढ़ सकती है. अभी वहां 35 से 37 डि़ग्री तापमान है, जो बढ़कर 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है. ऐसा ही वाकया जून 2015 में भी हुआ था. इसकी वजह से कराची में पांच दिनों तक भयानक गर्मी पड़ी थी. रमजान के महीने में पड़ी गर्मी से पानी कि किल्लत हो गई थी. कराची में 3000 लोगों की मौत हो गई थी.
IMD Weather: #VayuCyclone very likely to move nearly northward and cross Gujarat coast between Porbandar and Mahuva around Veraval & Diu region as a severe cyclonic storm with wind speed 110-120 km/h gusting to 135 km/h during early morning of 13th June 2019. pic.twitter.com/UGj5NXRu5C
— ANI (@ANI) June 11, 2019
10 साल से एक भी चक्रवात ने गुजरात को सीधे हिट नहीं किया
2010 - चक्रवात फेट
गुजरात मानसून से पहले और उसके बाद आने वाले चक्रवाती तूफान की जद में हमेशा रहता है. लेकिन, पिछले 10 साल से गुजरात को किसी भी चक्रवात ने सीधे तौर पर हिट नहीं किया. जून 2010 में आए चक्रवात फेट गुजरात के नजदीक आकर ओमान की तरफ बढ़ गया था. वापस घूमा, तो फिर गुजरात को डराते हुए पाकिस्तान की तरफ चला गया.2014 - चक्रवात नौनक और नीलोफर
वर्ष 2014 में गुजरात के तटों के पास दो चक्रवात आए. मानसून से पहले चक्रवात नौनक ने माहौल बनाया, लेकिन वह अरब सागर में ही खत्म हो गया. इसी तरह, अक्टूबर के महीने में चक्रवाती तूफान नीलोफर आया. इसकी जिंदगी भी अरब सागर में ही खत्म हो गई.2017 - चक्रवात ओखी
वर्ष 2017 के नवंबर महीने में चक्रवात ओखी आया. इसने केरल और तमिलनाडु में व्यापक पैमाने पर कहर बरपाया. सैकड़ों लोग मारे गए. फिर यह अरब सागर के रास्ते गुजरात की तरफ बढ़ा. गुजरात में सारी आपातकालीन तैयारियां कर ली गईं थीं. लेकिन चक्रवात ओखी भी गुजरात तट के छूने से पहले खत्म हो गया.
भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी चक्रवात वायु का रूट.(फोटोः आईएमडी)
गुजरात में आपातकालीन सेवाएं अलर्ट पर
मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सौराष्ट्र और कच्छ में चक्रवात के चलते आंधी और तेज बारिश होगी. तटीय क्षेत्रों में नुकसान होने की आशंका के बीच राज्य सरकार ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है. वहीं, मछली पकड़ने पर भी रोक लगा दी है. बंदरगाहों के लिए भी चेतावनी जारी की गई है. गर्मी की भी चेतावनी दी गई है. अरब सागर में कम दबाव के साथ, 12 से 14 जून के बीच वेरावल, जामनगर, मांगरोल, पोरबंदर और अमरेली जिलों के तटीय क्षेत्रों में चक्रवात की आशंका है. अगले 24 घंटों में चक्रवाती तूफान और तेज हो सकता है. इसके बाद के अगले 24 घंटों में यह चक्रवाती तूफान गंभीर चक्रवात में परिवर्तित हो जाएगा.