scorecardresearch
 

हिंदुस्तान से खत्म हो जाएगा डेंगू का कहर! ग्लोबल वॉर्मिंग से नहीं बचेंगे मच्छर

वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले 60 साल में ऐसा मुमकिन है कि डेंगू के मच्छर हिंदुस्तान की गर्मी को झेल ही न पाएं, वजह है ग्लोबल वॉर्मिंग.

Advertisement
X
डेंगू से पीड़ित शख्स (फाइल फोटो- IANS)
डेंगू से पीड़ित शख्स (फाइल फोटो- IANS)

Advertisement

साल 2080– हर ओर बढ़ती गर्मी, सूखते नदी नाले तालाब, नाकाबिल ए बर्दाश्त गर्मी. सुनकर डर लगता है लेकिन अगर हम आज चेत गए तो आने वाले वक्त में इस हालात को बदल सकते है. लेकिन इसी भयावह स्थिति के बीच एक बेहतर खबर भी है. वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले 60 साल में ऐसा मुमकिन है कि डेंगू के मच्छर हिंदुस्तान की गर्मी को झेल ही न पाएं, वजह है ग्लोबल वॉर्मिंग.

दरअसल डेंगू वायरस फैलाने वाले एडिज मच्छर भारत की गर्मी ही नहीं झेल पाएंगे. भारत का मौसम इतना रुखा हो जाएगा कि इन मच्छरों की पैदावार रूक जाएगी.

image001-1_071819032552.jpg

लेकिन मौजूदा वक्त डराने वाला है, आज दुनिया कि आधी आबादी करीब 350 करोड़ लोग डेंगू के खतरे से जूझ रहे हैं. आज डेंगू के चलते करीब 10 हजार लोगों की हर साल मौत हो रही है, जिनमें से 70 फीसदी लोग ब्राजील और भारत जैसे देशों से हैं.

Advertisement

दुनिया की जानी मानी वैज्ञानिक जरनल Nature Microbiology ने अपनी शोध में पाया कि 2015 के मुकाबले 2080 में दुनिया भर में करीब 200 करोड़ लोगों पर डेंगू का खतरा मंडरायेगा लेकिन भारत में हालात दूसरे होंगे.

image002-1_071819032604.jpg

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की असोसिएट प्रोफेसर और इस रिपोर्ट की सह लेखिका जेन पी मसीना ने इंडिया टुडे को बताया, 'भारत में डेंगू के मामलों में कमी इसलिए देखी जा सकती है क्योंकि देश के कई हिस्सों में तापमान 35 डिग्री के पार चला जाएगा जिससे डेंगू मच्छरों का पनपना लगभग मुमकिन नहीं है. दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले भारत के बारे में ये अनुमान ज्यादा है.’

रिपोर्ट तैयार करने वाले वैज्ञानिकों ने 2015 में दुनिया भर में डेंगू वायरस के स्थान विशेष का डाटा बेस तैयार किया है, साथ ही इसी डाटा के आधार उन्होंने आबादी के हिसाब से साल 2020, 2050 और 2080 का अनुमान लगाया है.

image0031_071819032618.png

दुनिया भर में साल 1960 से साल 2015 के बीच हुए 13604 डेंगू के मामलों को आधार बनाकर ये रिसर्च की गई है. वैज्ञानिकों का मानना है कि साल 2080 तक दुनिया भर में तापमान 2 डिग्री तक बढ़ सकता है.

ये एक पूर्वानुमान है और मसीना और उनकी टीम ने शहरीकरण के मुताबिक मच्छरों के प्रजनन का एनेलिसिस किया है. रिसर्च टीम ने साल 2020, 2050 और 2080 के लिए तीन तरह के संभावित मौसमों का विश्लेषण किया है.

Advertisement

image0041_071819032632.png

वैज्ञानिकों ने पाया कि तीनों तरह के मौसम में दुनिया भर में डेंगू के मामले बढ़ेंगे, लेकिन अफ्रीका और भारत में ऐसा नहीं होगा. लंबे वक्त में पर्यावरण में बदलाव के हिसाब से इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है.

साल 2017 में श्रीनिवास राव के नेतृत्व में एक और रिसर्च के मुताबिक पिछले सौ साल में भारत का औसत तापमान तेजी से बढ़ा है. मॉनसून में ये करीब 0.9 फीसदी और जाड़े में ये करीब 1.1 फीसदी गर्म हुआ है.

image0051_071819032648.png

भारत में तापमान पर मॉनसून का गहरा असर पड़ता है. ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते मॉनसून के पैटर्न में भी बदलाव दर्ज किया गया है. असमय बरसात और सम-शीतोष्ण तापमान भारत में मच्छरों की संख्या बढ़ाता है लेकिन जब गर्मी बढ़ती है तो मच्छर खुद ब खुद खत्म होने लगते हैं. भारत में 75 फीसदी बारिश जून से सितंबर के बीच होती है और यही वक्त हैं जब एडिज मच्छर अपने जहरीले पांव पसारता है.

image0061_071819032704.png

तापमान में थोड़ा बदलाव भी डेंगू के खतरे को बढ़ाता है. भारत में तापमान भी अलग-अलग इलाकों में अलग है इसलिए डेंगू का खतरा भी मौसम के हिसाब से अलग है.

image007-1_071819032720.png

साल 1990 से भारत में डेंगू की महामारी फैलने लगी है. साल 1998 से साल 2009 तक डेंगू के 82327 केस दर्ज किये गए जबकि साल 2010 से साल 2014 में ये बढ़कर करीब 2 लाख 13 हजार हो गया. इस बीच इस बीमारी ने करीब 80 फीसदी की छलांग लगाई. ताजा आंकड़े बताते हैं कि 2017 में डेंगू के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए. मसीना और टीम ने पाया कि डेंगू ने दक्षिण पूर्वी अमेरिका, चीन जापान और ऑस्ट्रेलिया में भी अपने पांव पसार लिए हैं.

Advertisement
Advertisement