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चीन की धमकियों के बाद भारत ने सीमा पर बढ़ाई मुस्तैदी, डोकलाम की ओर बढ़े जवान

अधिकारी ने कहा कि सीमा पर तैनात सैनिकों को सावधान रहने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि डोकलाम पर चीन के आक्रामक रूख को देखते हुए स्थिति के गहन विश्लेषण के बाद यह फैसला लिया गया है. 1400 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा पर सिक्किम से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक तैनात सैनिकों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया है.

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चीन से लगी सीमा पर बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती
चीन से लगी सीमा पर बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती

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डोकलाम विवाद पर चीन के साथ पिछले दो महीने से चल रही रस्साकशी के बीच भारत ने सिक्किम, अरुणाचल से लगी चीन सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है. शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी.

अधिकारी ने कहा कि सीमा पर तैनात सैनिकों को सावधान रहने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि डोकलाम पर चीन के आक्रामक रूख को देखते हुए स्थिति के गहन विश्लेषण के बाद यह फैसला लिया गया है. 1400 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा पर सिक्किम से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक तैनात सैनिकों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया है.

 नाम न बताने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि सरकार को सीमा से संवेदनशील जानकारियां मिली हैं. इसके बाद जवानों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया गया है.

भारत-चीन सीमा की ईस्टर्न थियेटर की सुरक्षा के लिए अरुणाचल और असम में तैनात 3 और 4 कॉर्प्स के जवानों के साथ सेना की सुकना स्थित 33 कॉर्प्स को भी चीन सीमा पर भेजा गया है. हालांकि अधिकारी ने जवानों की संख्या बताने से इंकार कर दिया. अधिकारी का कहना था कि वे ऑपरेशनल जानकारियां नहीं साझा कर सकते.

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45 हजार जवानों की ट्रेनिंग

रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक अनुमानित रूप से 45 हजार जवानों ने वेदर एक्लीमेटाइजेशन प्रोसेस (इसके तहत जवानों को अलग-अलग तापमान में ट्रेनिंग कराया जाता है) को पूरा किया है. इसका मतलब जवानों को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने के लिए होता है. लेकिन कोई जरूरी नहीं है सभी जवानों को सीमा पर तैनात ही किया जाए.

9 हजार फीट की ऊंचाई पर जवानों की ट्रेनिंग

सैनिकों को 9 हजार फीट ऊंचाई पर तैनात किया गया और नौ दिनों तक एक्लीमेटाइजेशन की प्रक्रिया चली. हालांकि अधिकारियों ने कहा कि भारत-चीन-भूटान के त्रिकोण पर डोकलाम में तैनात सैनिकों की संख्या में कोई इजाफा नहीं किया गया है.

डोकलाम में तैनात हैं भारत के 350 जवान

भारत के 350 जवान डोकलाम में अपनी पोजिशन संभाले हुए हैं. गौरतलब है कि 16 जून को चीन की ओर से कराए जा रहे सड़क निर्माण के कार्य को भारतीय सैनिकों ने रोक दिया था. और तब से लगातार आठ हफ्ते से भारतीय सैनिक अपनी भूमिका निभा रहे हैं.

डोकलाम पर आग उगल रहा है ड्रैगन

भूटान और चीन डोकलाम पर दावा करते रहे हैं और अब दोनों के बीच इस मुद्दे पर बात चल रही है. चीन इस मुद्दे पर पिछले कुछ हफ्ते से भारत के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहा है. चीन की मांग है कि भारत डोकलाम से तुरंत अपने सैनिक वापस बुलाए. चीनी मीडिया डोकलाम मुद्दे भारत की आलोचना करते हुए लगातार लेख छाप रही है.

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सुषमा ने कहा- सेना वापस बुलाए चीन

विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कहा था कि दोनों देश अपनी सेनाएं वापस बुलाएं और सीमा विवाद का शांतिपूर्ण हल निकालें. भारत ने चीन के साथ इस बात को जाहिर कर चुका है कि डोकलाम में सड़क निर्माण से यथास्थिति में बदलाव आएगा और इससे भारत की सुरक्षा चिंताएं प्रभावित होंगी.

दोनों देशों के बीच बातचीत रही बेनतीजा

सूत्रों के मुताबिक भारत और चीन की सेनाओं के बीच मेजर जनरल स्तर की बातचीत बेनतीजा रही है. चीन अपनी जिद पर अड़ा रहा कि भारत पहले अपनी सेना को वापस बुलाए. वहीं सूत्रों को कहना है कि भारत ने जोर देकर कहा कि जब तक चीन सड़क निर्माण के औजार नहीं हटाता, तब तक सेना के वापस हटने का सवाल नहीं उठता. दोनों देशों की सेनाओं ने मामले को अपनी सरकारों के सामने उठाने की बात कही.

 

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