भारत ने चन्द्रमा पर अपने अगले अभियान चंद्रयान-2 का डिजायन तैयार कर लिया है. रूस की मदद से बनाया जाने वाला लैंडर और रोवरयुक्त यह यान चांद की मिट्टी के नमूने एकत्र कर, उनका अध्ययन करके सम्बन्धित जानकारी भेजेगा.
रूसी वैज्ञानिकों के साथ संयुक्त समीक्षा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन जी. माधवन नायर ने कहा कि इस वक्त डिजायन तैयार करने का काम पूरा हो चुका है. हमने रूसी वैज्ञानिकों के साथ इसकी संयुक्त समीक्षा की है. लैंडर-रोवर के उतरने के स्थान की पहचान चंद्रयान-प्रथम द्वारा भेजी गई जानकारी के आधार पर की जाएगी. चांद पर देश के पहले मानवरहित अभियान के तहत चंद्रयान प्रथम को पिछले साल 22 अक्टूबर को चन्द्रमा पर भेजा गया था. चंद्रयान-2 के लिये इसरो ऑरबिटर विकसित करेगा जबकि लैंडर और रोवर के निर्माण की जिम्मेदारी रूस सम्भालेगा. अतिरिक्त वैज्ञानिकों की जरूरतों को अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक बिरादरी पूरा करेगी.
चंद्रयान प्रथम अभियान से कई सबक सीखे
नायर ने कहा कि इसरो ने चंद्रयान-प्रथम अभियान से कई सबक सीखे हैं जिनके आधार पर चंद्रयान-2 में प्रणालियों में सुधार किया जाएगा. यह अभियान वर्ष 2012 के अंत तक शुरू होना है. उन्होंने कहा कि हमें चंद्रमा की सतह से ताप विकिरण तथा अन्य चीजों के बारे में बहुत कीमती जानकारियां मिली हैं और भविष्य में अंतरिक्षयान की थर्मल डिजायन में इन बातों का ख्याल रखा जाएगा.