करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान के साथ 2 अप्रैल को होने वाली वार्ता को भारत की ओर से टाल दिया गया है. भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त को तलब किया और करतारपुर गलियारे पर पाकिस्तान की ओर से नियुक्त समिति में कई खालिस्तानी अलगाववादियों की मौजूदगी पर चिंता जताई है.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने पाकिस्तानी पक्ष को यह संदेश पहुंचा दिया है कि पाकिस्तान का जवाब मिलने के बाद किसी सही समय पर गलियारे से जुड़े मामलों पर आगामी बैठक तय की जा सकती है. अगले दौर की वार्ता वाघा सीमा पर दो अप्रैल को निर्धारित थी.
सुरक्षा से समझौता नहीं
इंडिया टुडे को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारत को हमेशा से इस बात की चिंता रही है कि पाकिस्तान इस कॉरिडोर का दुरुपयोग अपना एजेंडा साधने के लिए करेगा. इसी वजह से भारत ने पहले ही पाकिस्तान से अपना रुख साफ करने के लिए कहा है. भारत कॉरिडोर पर बातचीत करना चाहता है लेकिन इसके लिए वह अपनी सुरक्षा से समझौता करने के लिए कतई तैयार नहीं है.
पाकिस्तान की ओर से गठित करतारपुर कमेटी में खालिस्तानी आतंकी गोपाल सिंह चावला समेत मनिंदर सिंह, तारा सिंह, बिसन सिंह, कुलजीत सिंह के नाम शामिल हैं. इन्हीं को लेकर भारत की आपत्ति है.
करतारपुर के लिए प्रतिबद्ध भारत
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि गलियारे के लिए ढांचागत विकास को तेज गति से आगे बढ़ाने के लिए भारत ने मध्य-अप्रैल में तकनीकी विशेषज्ञों की एक और बैठक करने का प्रस्ताव रखा है ताकि जीरो प्वाइंट पर शेष मामलों को सुलझाया जा सके. इसमें कहा गया है कि भारत सरकार गलियारे के जरिए सुरक्षित और आसान तरीके से गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन करने की भारतीय तीर्थयात्रियों की पुरानी मांग को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.
भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि अगर तीर्थयात्री इच्छुक हों, तो वह उन्हें पैदल यात्रा करने की अनुमति दे. उसने यह भी अनुरोध किया कि वैशाखी और गुरुपर्व जैसे उत्सवों पर अन्य 10,000 तीर्थयात्रियों को जाने की अनुमति दी जाए. भारत और पाकिस्तान पिछले साल नवंबर में करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ने के लिए गलियारा बनाने को सहमत हुए थे. सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी ने करतारपुर में अंतिम समय बिताया था.
करतारपुर साहिब पाकिस्तान में पंजाब के नरोवाल जिले में है. रावी नदी के दूसरी ओर स्थित करतारपुर साहिब की डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से दूरी करीब चार किलोमीटर है.