भारत ने संघर्ष प्रभावित यमन में देशवासियों को सुरक्षित बाहर निकालने के अभियान को तेज करते हुए बुधवार को 350 भारतीयों को अदन से बाहर निकालकर पड़ोसी देश जिबूती पहुंचा दिया. यहां से भारतीय वायु सेना के ग्लोबमास्टर परिवहन विमान से उन्हें स्वदेश लाया जाएगा.
इसके साथ ही भारत ने यमन में फंसे बांग्लादेशी नागरिकों को निकालने में सहायता के लिए सहमति जताई है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि संघर्ष प्रभावित यमन से 350 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालकर जिबूती लाया गया है, जहां से विमान द्वारा उन्हें स्वदेश लाया जाएगा.
Indian nationals evacuated from Aden by Indian Navy have reached Djibouti. They will be brought back to India by Indian Air Force today.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) April 1, 2015
सुषमा ने बुधवार को किए गए एक ट्वीट में कहा कि विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह यमन के पड़ोसी देश जिबूती में हैं और भारतीय नौसेना व भारतीय वायु सेना के साथ अभियान का समन्वय कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुरक्षित निकाले गए भारतीयों को लेकर आईएएफ का एक ग्लोबमास्टर परिवहन विमान कोच्चि में, जबकि दूसरा मुंबई में उतरेगा.
My colleague General V.K.Singh is coordinating the operations with Indian Navy and Indian Air Force in Djibouti.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) April 1, 2015
सुषमा ने कहा, 'भारतीय नौसेना की सहायता से अदन से बाहर निकाले गए भारतीय नागरिक जिबूती पहुंच चुके हैं. उन्हें आईएएफ के विमान से भारत लाया जाएगा. देर शाम को एक विमान कोच्चि, जबकि दूसरा मुंबई में उतरेगा.'
One plane will land in Kochi and the other in Mumbai late this evening.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) April 1, 2015
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने कहा कि बाहर निकाले गए 350 भारतीय नागरिकों में 206 केरल, 40 तमिलनाडु, 31 महाराष्ट्र, 23 पश्चिम बंगाल, 22 दिल्ली, 15 कर्नाटक और 13 आंध्र प्रदेश व तेलंगाना के निवासी हैं.राजनीतिक संकट से जूझ रहे यमन के अदन से भारतीयों को नौसेना के जहाज आईएनएस सुमित्रा से सुरक्षित मंगलवार देर रात जिबूती पहुंचाया गया. यमन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के अभियान 'ओप राहत' के तहत दो युद्धपोत आईएनएस मुंबई और आईएनएस तरकश यात्री पोत कवारत्ती और कोरल्स के साथ कोच्चि तट से जिबूती के लिए रवाना हो चुके हैं.
यमन में 22 जनवरी को शिया हौती विद्रोहियों ने राष्ट्रपति अब्द-रब्बू मंसूर हादी का तख्ता पलट कर राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद से वहां संघर्ष जारी है. सऊदी अरब के नेतृत्व में 10 अरब देशों की गठबंधन सेना ने हौती विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है.
चांडी ने मोदी को लिखी चिट्ठी
केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संघर्ष प्रभावित यमन में फंसे केरलवासियों की मदद के लिए तेजी से कार्य करने की अपील की. चांडी ने मोदी को लिखे एक पत्र में कहा है कि उन्हें यमन में काम करने वाली केरल की परेशान नर्सों के फोन आ रहे हैं. उन्होंने इस ओर संकेत किया कि पाकिस्तान और चीन के लोगों को पहले ही बाहर निकाल लिया गया है.
चांडी ने लिखा, 'वे (नर्से) रो रही हैं और अपनी जान की सलामती के लिए चिंतित हैं. यदि जल्द ही कोई कदम नहीं उठाए गए, तो उनकी जान को खतरा है.' उन्होंने प्रधानमंत्री से यमन की राजधानी सना और अन्य हवाईअड्डों पर भारतीय विमानों को उतरने की अनुमति देने के लिए सऊदी अरब से बात करने के लिए भी कहा. उन्होंने कहा कि यमन से लौटने की इच्छा रखने वाले सभी भारतीयों को बिना किसी शुल्क के एक निकास पास दिया जा सकता है.
चांडी ने कहा, 'सना सैन्य अस्पताल सहित कुछ अन्य अस्पताल हमारी नर्सो को यमन छोड़ने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. वे मुआवजा मांग रहे हैं और उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए हैं. यमन स्थित भारतीय दूतावास को ऐसे सभी अस्पतालों से संपर्क करना चाहिए और वैसे नर्स व पारामेडिकल कर्मचारियों के लिए आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए, जो मुआवजा देने की स्थिति में नहीं हैं.'
केरल सरकार के सूत्रों के मुताबिक, करीब 600 केरलवासी सना हवाइअड्डे पर राहत विमान का इंतजार कर रहे हैं. अपने नागरिकों की सहायता के अलावा, भारत यमन में फंसे बांग्लादेश के नागरिकों को भी स्वदेश पहुंचाने में भी मदद करेगा. बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक, विदेश सचिव मोहम्मद शहिदुल हक ने ढाका में पत्रकारों से कहा कि उन्होंने अपने नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए नई दिल्ली से बात की है. विदेश सचिव से बातचीत के कुछ घंटों के बाद भारत ने इसके लिए रजामंदी दी.
बांग्लादेश के विदेश सचिव ने बुधवार को कहा कि भारत ने कहा है कि वह इस मामले में बांग्लादेश की मदद करेगा, लेकिन अपने नागरिकों को बाहर निकालने के बाद. भारतीय उच्चायुक्त ने ट्वीट किया, 'यमन में फंसे बांग्लादेशी नागरिकों को बाहर निकालने में भारत मदद करेगा.' बांग्लादेश की सरकार के मुताबिक, यमन के अंतराष्ट्रीय संठनों में बांग्लादेश के 1,500 से 3 हजार नागरिक कार्यरत हैं.
-इनपुट IANS से