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भारत-जर्मनी के बीच रक्षा से लेकर ऊर्जा क्षेत्र तक 18 अहम समझौते

तीन दिवसीय भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंची जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच तीन घंटे चली बातचीत के बाद एक साझा बयान जारी किया गया, जिसमें दोनों देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ युद्ध और रक्षा के साथ ही व्यापार, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में हुए समझौतों की जानकारी दी गई.

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जर्मन चांसलर मर्केल के साथ पीएम मोदी
जर्मन चांसलर मर्केल के साथ पीएम मोदी

तीन दिवसीय भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंची जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच तीन घंटे चली बातचीत के बाद एक साझा बयान जारी किया गया, जिसमें दोनों देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ युद्ध और रक्षा के साथ ही व्यापार, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में हुए समझौतों की जानकारी दी गई.

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साझा बयान देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'चांसलर मर्केल का नेतृत्व प्रेरणादायी है. वह ऐसे समय भारत आई हैं, जब उनके क्षेत्र में कई बातें चिंता का विषय हैं.' पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए जर्मनी अर्थव्यवस्था के क्षेत्र के विकास का स्वभाविक साझेदार है.

भारत और जर्मनी के बीच सोमवार को शिक्षा, अक्षय ऊर्जा, कौशल विकास और मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में कुल 18 समझौते हुए. इसके अलावा दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में विकास, व्यापारिक और तकनीक के क्षेत्र में भी समझौते हुए. दोनों नेताओं के बीच मंगलवार को भी मुलाकात और बातचीत होगी.

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए जर्मनी के प्रयासों की प्रशंसा करते हैं. पीएम ने स्वच्छ गंगा अभि‍यान का जिक्र करते हुए कहा, 'हम भी हमारे तापमान में बदलाव के लिए अपने स्वभाव को बदलना चाहते हैं.'

जर्मन चांसलर मर्केल ने कहा, 'हमें खुशी है कि हम दुर्गा की प्रतिमा भारत को सौंपने में सफल रहे. यह प्रतिमा इस देश के लिए बहुत महत्व रखती है.'

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प्रधानमंत्री मोदी ने भी प्रतिमा के लिए चांसलर का विशेष धन्यवाद किया. मर्केल ने आगे कहा, 'भारत और जर्मनी रक्षा क्षेत्र में सहयोग के साथ ही राजनयिक स्तर पर भी शांति के लिए प्रयासरत हैं. मुझे खुशी है कि हम पर्यावरण के क्षेत्र में मिलकर काम करने के लिए एक समझौता कर पाए हैं.' जर्मन चांसलर ने कहा कि सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में भारत का अनुभव हमारे लिए खासा महत्वपूर्ण साबित होगा.

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