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माल्या प्रत्यर्पण मामले में भारत ने ब्रिटेन को दस्तावेजों का एक और सेट सौंपा

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा, "सरकार ने पिछले हफ्ते ब्रिटिश उच्चायोग को जरूरी दस्तावेजों का एक नया सेट सौंपा और ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायोग को इलेक्टॉनिक तरीके से सॉफ्ट प्रतियां भी भेजी."

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विजय माल्या
विजय माल्या

भारत ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण के मुकदमे में ब्रिटेन को दस्तावेजों को एक और सेट मुहैया कराया है. माल्या के प्रत्यर्पण के मामले की सुनवाई कर रही ब्रिटिश अदालत ने पिछले दिनों दस्तावेज जमा कराने में भारतीय अधिकारियों की धीमी रफ्तार पर टिप्पणी की थी.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा, "सरकार ने पिछले हफ्ते ब्रिटिश उच्चायोग को जरूरी दस्तावेजों का एक नया सेट सौंपा और ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायोग को इलेक्टॉनिक तरीके से सॉफ्ट प्रतियां भी भेजी." बहरहाल, बागले ने कहा कि उन्हें यह नहीं पता कि मजिस्ट्रेट के पास पहले से दस्तावेज थे की नहीं.

बुधवार को माल्या के मामले की सुनवाई के दौरान वेस्टमिंस्टर कोर्ट की मुख्य मजिस्टेट एम्मा अरबुथनॉट ने कथित तौर पर कहा था, "क्या भारतीय सामान्य तौर पर जवाब देने में चुस्त होते हैं? उन्होंने अब तक छह महीने लिए हैं और पिछले छह हफ्तों से हमें कोई और चीज नहीं मिली है."

गौरतलब है कि भारत के विभिन्न बैंकों के 9,000 करोड़ रूपए का कर्ज नहीं चुकाने के मामले में वांछित माल्या मार्च 2016 से ही ब्रिटेन में है. उसे 18 अप्रैल को स्कॉटलैंड यार्ड ने एक प्रत्यर्पण वॉरंट पर गिरफ्तार किया था. हालांकि, कुछ ही घंटों में उसे जमानत दे दी गयी थी. इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि ब्रिटिश अधिकारियों को माल्या के खिलाफ साक्ष्य मुहैया कराने में कोई देरी नहीं हुई और सीबीआई ने पिछले हफ्ते सारे दस्तावेज विदेश मंत्रालय को मुहैया करा दिए थे.

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अशोक प्रसाद ने कहा, "साक्ष्य भेजने में कोई देरी नहीं हुई. सीबीआई ने आठ जून को दस्तावेज विदेश मंत्रालय को भेज दिए थे, जिसने उन्हें ब्रिटिश अधिकारियों के पास भेज दिया." प्रसाद ने कहा कि दस्तावेज गृह मंत्रालय के पास नहीं आए थे और सीबीआई ने उन्हें सीधे तौर पर विदेश मंत्रालय को भेज दिया था, क्योंकि गृह मंत्रालय पहले ही इसकी मंजूरी दे चुका था.

यह सफाई मीडिया में आई उन खबरों के बाद दी जा रही है जिनमें कहा गया था कि ब्रिटेन के क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्वसि सीपीएस ने लंदन की एक अदालत को बताया कि उसे भारत से साक्ष्य प्राप्त करने में तीन-चार हफ्ते का वक्त लगेगा. माल्या के प्रत्यर्पण के मामले में सीपीएस ही भारत सरकार की पैरवी कर रहा है. सीबीआई ने भी साफ तौर पर कहा है कि दस्तावेज मुहैया कराने में कोई देरी नहीं हुई.

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