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नरेंद्र मोदी ने व्यापारियों के सामने रखा तरक्की का एजेंडा, FDI की हिमायत की

प्रधानमंत्री पद के लिए बीजेपी के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नीत यूपीए सरकार पर देश को एक दशक पीछे धकेलने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि उनकी भरसक कोशिश रहेगी कि शासन कारगर हो और नीतियां अच्छी हों.

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Narendra Modi
Narendra Modi

प्रधानमंत्री पद के लिए बीजेपी के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नीत यूपीए सरकार पर देश को एक दशक पीछे धकेलने का आरोप लगाया है. मोदी ने राजधानी में भारत के लिए 'आर्थिक वृद्धि के नए परिप्रेक्ष्य' विषय पर आयोजित सेमिनार में अपने नजरिये का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि सरकार व्यापारियों को चोर समझती है. उन्होंने ऐसे गैर-जरूरी कानूनों को हटाने का वादा किया जो आभास देते हैं कि सब चोर हैं. उन्होंने एफडीआई के पक्ष में भी बातें कहीं.

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'कई तरह के घाटे से पीड़ित भारतीय अर्थव्यवस्था'
मोदी ने आगे कहा, 'हम ऐसी स्थिति में पहुंच चुके हैं जहां देश पीछे जा रहा है. हमने एक दशक गंवा दिया, हमें नए सिरे से शुरुआत करनी होगी. जब अटल बिहारी वाजपेयी हटे तो वृद्धि दर 8.4 फीसदी थी जो अब घटकर 4.8 फीसदी पर आ गई है.' उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ राजकोषीय घाटे से नहीं, बल्कि प्रशासनिक घाटे, विश्वास घाटे, सुरक्षा घाटे और नैतिक घाटे से भी पीडि़त है.

'अमीर-गरीब के बीच खाई पाटेंगे'
गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह निराशा का माहौल है. हमने भरोसा खो दिया. अगर हम भरोसा फिर हासिल कर लें तो हम न केवल चल सकेंगे बल्कि दौड़ सकेंगे.' उन्होंने कहा कि भारत ऐसा युवा देश है जहां उत्पादों की मांग और लोकतांत्रिक संस्थाएं काम कर रही हैं.

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विषय विशेष का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि वह वृद्धि के तीन खंभों- विनिर्माण, कृषि तथा सेवा क्षेत्र पर समान रूप से ध्यान केंद्रित करेंगे और विकास को और अधिक समावेशी बनाते हुए अमीर-गरीब के बीच खाई को पाटने की कोशिश करेंगे. गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि आर्थिक वृद्धि समावेशी, गतिशील और टिकाऊ होनी चाहिए.

कानून का जंजाल नहीं चाहिए
उन्होंने कहा कि सरकारों को जीवन स्तर सुधारने और सामाजिक न्याय उपलब्ध कराने की दिशा में काम करना चाहिए. कानूनों की बहुलता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वक्त का तकाजा यही है 'कानूनों के जंजाल' से मुक्ति पाई जाए. भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि राजनीतिक दल के घोषणा पत्र में ऐसे काननूों की बात भी होनी चाहिए जिन्हें पार्टी समाप्त करना चाहती हों.

'तालमेल से काम करें PM-CM'
उर्जा सुरक्षा के मुद्दे पर मोदी ने कहा कि प्रकृति भारत के लिए उदार रही है और इसे अपनी उपलब्ध सौर, पन तथा पवन उर्जा का दोहन करना चाहिए. केंद्र-राज्य संबंधों पर मोदी ने कहा कि हर राज्य की अपनी अलग अलग ताकत है. ऐसे में सभी के लिए कोई एक समाधान सटीक नहीं हो सकता. बीजेपी के पीएम उम्मीदवार ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्रियों को तालमेल से काम करना चाहिए.

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'FDI के लिए माहौल बनाना सरकार की जिम्मेदारी'
नियामकीय मुद्दों से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि वित्तीय फैसले, वाणिज्यिक पहलुओं पर आधारित होने चाहिए न कि राजनीतिक नफे नुकसान की चिंताओं पर. केंद्र पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि किसी नगर निकाय का प्रमुख भी दिल्ली में सरकार से अधिक फैसले करता है. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के बारे में उन्होंने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह बाधाएं हटाकर विदेशी निवेश के अनुकूल माहौल तैयार करे. उन्होंने कहा कि भारत के विदेशी मिशनों को अब व्यापार व वाणिज्य पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि निर्यात बढ़ाया जा सके और आयात पर निर्भरता कम की जा सके.

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