संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत, इंडोनेशिया और पाकिस्तान, प्रत्येक देश में दस लाख से ज्यादा बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक तौर पर 6 से 11 साल के स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या अभी भी उच्चतर है जो 5.8 करोड़ है. हालांकि आंकड़ों में 2007 के बाद थोड़ा सुधार आया है.
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 2011 में 14 लाख बच्चे ऐसे थे जो स्कूल नहीं जाते थे. लेकिन भारत उन 17 देशों में शामिल है जिसने पिछले एक दशक में स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या को कम किया है.
यूनेस्को की महानिदेशक इरीना बोकोवा ने कहा कि यूनेस्को की हाल की खबर में बताया गया था कि शिक्षा के क्षेत्र में सहायता में फिर से गिरावट आई है. साथ ही स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर के बच्चों की संख्या में कमी लाने में अधिक प्रगति नहीं होने से हमारी आशंकाओं की पुष्टि होती है कि इन देशों के 2015 तक सार्वभौम प्राथमिक शिक्षा के लक्ष्य को हासिल करने की कोई संभावना नहीं है.
यूनेस्को के नीति दस्तावेज कहते हैं कि इस दिशा में सकारात्मक बदलाव मुमकिन है. 17 देशों ने पिछले एक दशक में इस रूझान को बदला है.
यूनेस्को इंस्टिट्यूट फॉर स्टेटिस्टिक्स का कहना है कि 43 प्रतिशत बच्चे जिसमें 1.5 करोड़ लड़कियां और एक करोड़ लड़के हैं ,वे स्कूल नहीं जाते हैं और मौजूदा स्थिति नहीं बदलती हैं तो उनके प्राथमिक शिक्षा पा सकने की संभावना नहीं है.