scorecardresearch
 

भारत की इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी FBI से सीख रही ब्लास्ट के बाद जांच के तरीके

5 दिनों तक चलने वाली इस ट्रेनिंग में NIA की इंवेस्टिगेटिंग टीम के साथ- साथ राज्यों और अर्धसैनिक बलों की टीम FBI के साथ जॉइंट ट्रेनिंग में मौजूद रहेंगी. 3 फरवरी से 9 फरवरी तक चलने वाले इस ज्वाईंट ट्रेनिंग की थीम है पोस्ट ब्लास्ट इन्वेस्टिगेशन.

Advertisement
X
 3 फरवरी से 9 फरवरी तक चलेगी जॉइंट ट्रेनिंग
3 फरवरी से 9 फरवरी तक चलेगी जॉइंट ट्रेनिंग

Advertisement

  • 3 फरवरी से 9 फरवरी तक चलेगी जॉइंट ट्रेनिंग
  • जॉइंट ट्रेनिंग की थीम है 'पोस्ट ब्लास्ट इन्वेस्टिगेशन'

भारत में जिस तरीके से IED बलास्ट का खतरा नक्सल और जम्मू कश्मीर में हमेशा बना रहता है. इस बात से निपटने के लिए NIA अमेरिकी जांच एजेंसी FBI के साथ भारतीय इंवेस्टिगेटिंग एजेंसियों को ट्रेनिंग दिलवा रही है. ये ट्रेनिंग सीआरपीएफ की एकैडमी कादरपुर में FBI के अधिकारियों और जांच टीम के साथ दिलवाई जा रही है.

ये पढ़ें-आतंकियों के साथ गिरफ्तार DSP देवेंद्र के मोबाइल में मिलीं अश्लील तस्वीरें

5 दिनों तक चलने वाली इस ट्रेनिंग में NIA की इंवेस्टिगेटिंग टीम के साथ- साथ राज्यों और अर्धसैनिक बलों की टीम FBI के साथ जॉइंट ट्रेनिंग में मौजूद रहेंगी. 3 फरवरी से 9 फरवरी तक चलने वाले इस जॉइंट ट्रेनिंग का थीम है 'पोस्ट ब्लास्ट इन्वेस्टिगेशन'.

Advertisement

fbi-2_020420020903.jpg

एनआईए के सूत्रों ने आजतक को जानकारी दी है, कि इस ट्रेनिंग में अर्धसैनिक बलों के इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर तो रहेंगे ही साथ ही, राज्यों के एटीएस टीम के जुड़े हुए अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. खतरे के लिहाज से अमेरिकन एजेंसी एफबीआई के साथ उसी तरीके की जॉइंट ट्रेनिंग कराई जाएगी और ब्लास्ट के बाद इन्वेस्टिगेशन में किस तरीके से एक्यूरेसी लाई जाए उस पर भी महत्वपूर्ण चर्चा होगी.

ये पढ़ें-देवेंद्र सिंह मामले में NIA को मिले अहम सुराग, कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी

बता दें कि इससे पहले 2014 में भी एनआईए की तरफ से इस तरीके की जॉइंट ट्रेनिंग आईईडी को लेकर के दी गई थी जिसमें एसबीआई के अधिकारी तो मौजूद ही थे साथ ही एनआईए और देश के राज्यों की एंटी टेरर स्क्वाड से जुड़े हुए लोग शामिल थे.

fbi-3_020420020930.jpg

उस दौरान भी कई खास तकनीकों को दोनों देशों ने शेयर किया था. इस बार यह ट्रेनिंग महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि पुलवामा के बाद जिस तरीके से आईडी की संख्या बढ़ रही है. आतंकी अलग-अलग नई तकनीक की आईडी का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में देश की सभी एजेंसियां इससे निपटने का बड़ा प्लान तैयार कर रही हैं.

Advertisement
Advertisement