पिछले कई दिनों से समूचे देश में ठंड का कहर देखने को मिल रहा है, मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर पश्चिम राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तरी झारखंड और त्रिपुरा में कई जगहों पर सघन कोहरा देखा गया. तो वहीं दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में कुछ स्थानों पर घना कोहरा पड़ा. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है की पूर्वी भारत से लेकर उत्तर-पश्चिम भारत के तमाम इलाकों में घने कोहरे की चादर पसरी हुई है. मैदानी इलाकों में सबसे ठंडी जगह हरियाणा का नारनौल रहा है यहां पर न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है.
ताजा आंकड़ों के मुताबिक कोहरे की सबसे ज्यादा मार अमृतसर, पटियाला, गंगानगर, बहराइच और डाल्टनगंज में पड़ी. इन सभी इलाकों में कोहरा इतना घना हो गया कि विजिबिलिटी 25 मीटर से भी नीचे जा गिरी. हिसार, सुल्तानपुर, गोरखपुर, पूर्णिया और अगरतला में घने कोहरे की वजह से विजिबिलिटी 50 मीटर तक रिकॉर्ड की गई. दिल्ली, ग्वालियर, पटना, दीघा, मालदा और भागलपुर में सुबह-सुबह हल्का कोहरा रहा और यहां पर विजिबिलिटी 200 मीटर रिकॉर्ड की गई.
10 डिग्री से नीचे पहुंचा तापमान
दिसंबर खत्म होने जा रहा है और नया साल शुरू होने को है लेकिन इस बार अभी तक मैदानी इलाकों के साथ-साथ पहाड़ी इलाकों में भी वैसी ठंड नहीं पड़ रही है जैसी कि अमूमन पढ़ा करती है. इस समय की बात करें तो पश्चिमी हिमालय के क्षेत्रों में कई जगहों पर न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा चुके हैं, उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों की बात करें तो यहां पर ठंड अपनी धीरे-धीरे पकड़ बढ़ा रही है. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस नीचे जा चुके हैं, वैसे देखें तो आमतौर पर इन दिनों में मैदानी इलाकों में तापमान 4 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच जाते हैं.
उत्तर भारत में भले ही वैसी सर्दी ना पड़ रही हो जैसे कि अमूमन पड़ती है लेकिन लेकिन इस बार उड़ीसा के अंदरूनी इलाकों में पिछले चार-पांच दिनों से शीतलहर की स्थिति बनी हुई है. अंदरुनी उड़ीसा के इन इलाकों में तापमान सामान्य के मुकाबले 5 डिग्री सेल्सियस या इससे ज्यादा कम हैं, तो वही विदर्भ, छत्तीसगढ़, दक्षिणी मध्य प्रदेश में कुछ जगहों पर दिन और रात दोनों ही तापमान सामान्य के मुकाबले 3.1 से लेकर 5 डिग्री सेल्सियस तक नीचे बने हुए हैं.