सरकारी दफ्तरों में काम करवाने के लिए रिश्वत देने में भारत के लोग एशिया में सबसे आगे हैं। यहां लोगों को किसी न किसी रूप में रिश्वत देनी ही पड़ती है. यह जानकारी भ्रष्टाचार पर काम करने वाले ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में सामने आई है. इसके मुताबिक एशिया प्रशांत क्षेत्र में रिश्वत के मामले में भारत शीर्ष पर है, जबकि जापान सबसे कम भ्रष्ट है. 69% भारतीयों ने माना है कि काम करवाने के लिए उन्हें सरकारी दफ्तरों में रिश्वत देनी पड़ी. एशिया- प्रशांत में 16 देशों के 90 करोड़ लोगों ने इस बात को माना है कि उन्हें कम से कम एक बार रिश्वत देनी ही पड़ी है. जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और ऑस्ट्रेलिया में घूसखोरी के मामले सबसे कम रहे. पाकिस्तान में सिर्फ 40% लोगों ने रिश्वत देने की बात मानी है. सर्वे में लोगों से पूछा गया था कि उन्होंने कितनी बार रिश्वत दी, किस रूप में दी, किसे दी और क्यों रिश्वत दी.
भारत में पुलिस ज्यादा, जज कम भ्रष्ट
सर्वे में शामिल 85% भारतीयों ने पुलिस को सबसे ज्यादा भ्रष्ट बताया है. इन लोगों ने कहा कि पुलिस में कुछ अथवा सभी भ्रष्ट हैं. इसके बाद अन्य सरकारी अधिकारी, कारोबारी,स्थानीय पार्षद, सांसद और टैक्स अधिकारी भी इसमें शामिल हैं. 10 में से करीब 7 लोगों ने जज या मजिस्ट्रेट को भ्रष्ट बताया है.
कितने प्रतिशत भारतीय भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए हैं तैयार
63% भारतीयों ने माना कि सामान्य व्यक्ति भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण अंतर ला सकता है.
55% भारतीयों ने कहा कि वे भ्रष्टाचार का सबूत देने के लिए दिन भर कोर्ट में खड़े रह सकते हैं.
41% भारतीय मानते हैं पिछले एक साल में बढ़ा है भ्रष्टाचार
सर्वे में शामिल 10 में से 4 भारतीयों ने कहा कि पिछले एक साल में देश में भ्रष्टाचार बढ़ा है. चौंकाने वाली बात यह है कि पाकिस्तान इस मामले में हमसे पीछे हैं. वहां 35% लोगों ने भ्रष्टाचार बढ़ने की बात मानी है. इस मामले में चीन सबसे ऊपर है. वहां 73% लोगों ने भ्रष्टाचार बढ़ने की बात कही है. 53% भारतीयों ने यह भी कहा कि सरकार भ्रष्टाचार से बेहतर तरीके से निपट रही है.