भारत ने कहा कि वह पाकिस्तान के साथ जम्मू-कश्मीर सहित सभी अहम मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन पाक को भारत के खिलाफ आतंकवाद को समाप्त करने के लिए सुधारवादी कार्रवाई करनी होगी.
भारत की विदेश सचिव निरुपमा राव ने सोमवार को कहा, ‘पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्तों में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा आता है और हमने बहुत साफ, बड़े यकीन और बड़ी पारदर्शिता के साथ कहा है कि हम पाकिस्तान के साथ सभी अहम मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं.’
पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्तों को आतंकवाद के चलते जटिल बताते हुए राव ने कहा, ‘आतंकवादी समूह अडिग तरीके से भारत के खिलाफ भर्तियां, प्रशिक्षण के साथ हमारी सीमाओं पर सुरक्षित पनाहों से हमलों की साजिश में लगातार लगे हुए हैं.’ उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान को भारत के खिलाफ आतंकवाद को उखाड़ने के लिए सुधारवादी कार्रवाई करने की जरूरत है.’ {mospagebreak}
विदेश सचिव राव ने यह टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र महासभा के न्यूयार्क में होने वाले वाषिर्क अधिवेशन से इतर भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की संभावित मुलाकात से पहले की है. हार्वर्ड विश्वविद्यालय में व्याख्यान देते हुए राव ने कहा, ‘इस खतरे के बावजूद हम कौटिल्य के इस वाक्य को भलीभांति समझते हैं कि कोई महाशक्ति यदि पड़ोस के पेंच में उलझी रहती है तो उसकी महत्ता घट जाती है.’
राव ने कहा कि भारत चाहता है कि अपने पड़ोसियों के साथ एक आर्थिक माहौल बनायें क्योंकि आर्थिक विकास के हमारे खुद के दृष्टिकोण के लिए शांतिपूर्ण पड़ोस जरूरी है. उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ वार्ता में डटे रहना चाहता है. यह वार्ता से अलग होने के बारे में नहीं है और न ही इससे जटिल मुद्दों को यह कहते हुए दूर ले जाने की कवायद है कि हम इस पर चर्चा को तैयार नहीं हैं.
राव ने कहा कि निश्चित तौर पर भारत का रुख ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि हम सभी अहम मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं जिसमें जम्मू-कश्मीर का मुद्दा भी होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति की नवंबर महीने में होने वाली भारत यात्रा के बाबत चर्चा के लिए वॉशिंगटन के दौरे पर रहीं राव ने जोर देकर कहा कि जहां तक भारत का रुख है, कश्मीर उसका आंतरिक मामला है. {mospagebreak}
राव ने कहा ‘यह एक आंतरिक मामला है क्योंकि यह (कश्मीर) भारत का अभिन्न हिस्सा है.’ बाद में 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिसके बारे में हम पाकिस्तान से काफी बात करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री रहमान मलिक 26/11 के मुकदमे को लेकर भारतीय गृह मंत्रालय के संपर्क में हैं.
राव ने कहा, ‘मुकदमे की गति धीमी रही है. इसमें ज्यादा प्रगति नहीं रही.’ विदेश सचिव ने कहा कि हालांकि विकास के लिए विस्तारपूर्वक दक्षिण एशियाई सहयोग के भारत के नजरिये को हिंसक उग्रवाद और आतंकवाद से चुनौती मिल रही है, जो हमारे क्षेत्र में पैदा होता है और वहां पनाह तथा पोषण पाता है.
राव ने कहा कि आतंकवाद के खतरे से अकेले राष्ट्रीय प्रयासों के जरिये ही निपटा नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि यह समय है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक समझौते को अपनाने की दिशा में काम करना चाहिए जो कि एक दशक पहले संयुक्त राष्ट्र में हुआ था.