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अफगानिस्तान और पाकिस्तान से ज्यादा असुरक्षित भारत में हैं पत्रकार

एक रिपोर्ट के अनुसार पत्रकारों की मौत इस बात की पुष्टि करती है कि भारत मीडियाकर्मियों के लिए एशिया का सबसे घातक देश है जिसका नंबर पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों से पहले आता है.

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आज तक के पत्रकार अक्षय सिंह की भी हुई थी इस साल रहस्यमय मौत
आज तक के पत्रकार अक्षय सिंह की भी हुई थी इस साल रहस्यमय मौत

विश्व की एक प्रमुख मीडिया निगरानी संस्था ने भारत को मीडियाकर्मियों के लिए एशिया का सबसे खतरनाक देश करार देते हुए कहा है कि वर्ष 2015 में दुनिया भर में कुल 110 पत्रकार मारे गए जिनमें नौ भारतीय पत्रकार शामिल हैं.

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रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स ने अपनी वाषिर्क रिपोर्ट में कहा है कि भारत में इस साल नौ पत्रकारों की हत्या हुई. इनमें से कुछ पत्रकार संगठित अपराध तथा इसके नेताओं से संबंध पर रिपोर्टिंग कर रहे थे. कुछ पत्रकारों ने अवैध खनन की रिपोर्टिंग के चलते अपनी जान गवांई. भारत में अपनी ड्यूटी करने के दौरान पांच पत्रकार मारे गए, जबकि चार अन्य के मरने के कारणों का पता नहीं है.

रिपोर्ट के अनुसार पत्रकारों की मौत इस बात की पुष्टि करती है कि भारत मीडियाकर्मियों के लिए एशिया का सबसे घातक देश है जिसका नंबर पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों से पहले आता है. रिपोर्ट ने भारत सरकार से पत्रकारों की रक्षा के लिए राष्ट्रीय योजना लागू करने का आग्रह किया है. संगठन ने चेताया कि ज्यादातर पत्रकारों को उनके काम के लिए शांतिपूर्ण माने जाने वाले देशों में जानबूझकर निशाना बनाया गया है.

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निगरानी समूह ने अपने वाषिर्क लेखा जोखा में कहा कि इस साल 67 पत्रकार अपनी ड्यूटी करते हुए मारे गए , जबकि 43 के मरने की परिस्थिति साफ नहीं है. इसके अलावा 27 गैर-पेशेवर सिटीजन जर्नलिस्ट और सात और मीडियाकर्मी भी मारे गए हैं. रिपोर्ट कहती है कि ज्यादातर पत्रकारों की हत्या उनके खिलाफ जानबूझकर की गई हिंसा का नतीजा थी और यह मीडियाकर्मियों की रक्षा की पहलों की विफलता हो दर्शाता है. रिपोर्ट के अनुसार 2014 में दो तिहाई पत्रकार जंगी क्षेत्रों में मारे गए हैं, जबकि 2015 में यह एकदम से विपरीत है और दो तिहाई पत्रकार शांतिपूर्ण देशों में मारे गए हैं.

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