राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की इजराइल की तीन दिनों की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान दोनों देश एक दोहरी कराधन बचाव संधि पर हस्ताक्षर करेंगे. इसके साथ ही विविध क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा देने के तरीके ढूंढ़ेंगे. मुखर्जी का दौरा मंगलवार से शुरू होगा.
प्रणब मुखर्जी इजराइल के दौरे पर जाने वाले भारत के पहले राष्ट्रपति होंगे. यात्रा से पहले इजराइल ने दौरे को ऐतिहासिक राजनीतिक मील का पत्थर करार देते हुए कहा कि इस दौरे में मुख्य ध्यान राजनीतिक पक्ष पर होगा, हालांकि दोनों देश कई क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा देने पर विचार विमर्श करेंगे.
अक्षय उर्जा और जल क्षेत्र में भी समझौता
इजराइली दूतावास के प्रवक्ता ओहद होर्सांदी ने कहा कि दोनों देश सांस्कृतिक आदान प्रदान पर एक समझौता करेंगे, लेकिन मुखर्जी की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान जिन सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर की योजना है उन्हें अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है. दोनों देश अक्षय उर्जा और जल क्षेत्र से जुड़े सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर करने के लिए बातचीत कर रहे हैं. कराधान बचाव संधि से कर चोरी से संबंधित खामियों को पाटने में मदद मिलेगी और सुनिश्चित होगा कि स्थाई प्रतिष्ठान होने पर ही भारतीय या इजराइली कंपनियों पर कर लगे.
राष्ट्रपति सोमवार को जॉर्डन की अपनी यात्रा पूरी कर फलीस्तीन पहुंचे. वह मंगलवार को इजराइल का तीनों दिनों का दौरा शुरू करेंगे और इस दौरान इजराइली राष्ट्रपति रियूवेन रिवलीन और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू समेत अन्य महत्वपूर्ण लोगों से बातचीत करेंगे.
-इनपुट भाषा से