भारत सरकार डेटा लीक मामले में फेसबुक के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना रही है. संचार एवं सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्रालय ने डेटा लीक मामले में फेसबुक को नोटिस जारी किया. मंत्रालय ने फेसबुक से डेटा लीक मामले में सात अप्रैल तक जबाव देने को कहा है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की फेसबुक को चेतावनी देने के बाद यह नोटिस जारी किया गया है. दरअसल, हाल ही में कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा कथित तौर पर फेसबुक से लोगों के डेटा चुराकर इस्तेमाल करने का मामला सामने आया था, जिसने डिजिटल दुनिया में हड़कंप मचा दिया.
इस मामले को लेकर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक को चेतावनी दी थी. दुनिया भर में किरकिरी होने के बाद फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने अपनी गलती मानी थी और यूजर्स के डेटा को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया था. इसी दौरान भारत में रविशंकर प्रसाद ने सख्त लहजे में कहा था कि अगर फेसबुक डेटा लीक की शिकायत भारत के संदर्भ में मिलती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा था कि अगर जरूरत पड़ी, तो फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग को भारत में तलब किया जा सकता है.
रविशंकर प्रसाद ने तमाम मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए यह सवाल भी किया कि कांग्रेस पार्टी को साफ करना चाहिए कि डेटा चोरी करके कई देशों में चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने वाली कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के साथ उसके क्या संबंध हैं? रविशंकर प्रसाद ने कहा था, ''फेसबुक का दुनिया में भारत सबसे बड़ा बाजार है, लेकिन उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि अगर उसने करोड़ों लोगों तक अपनी पहुंच का गलत इस्तेमाल करने की कोशिश की, तो हम उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेंगे.''
कानून मंत्री के मुताबिक भारत में फेसबुक के 20 करोड़ यूजर्स हैं और अगर उनके डेटा का इस्तेमाल भारत में चुनाव की प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए किया जाता है, तो फिर फेसबुक को इसका नतीजा भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए.वहीं, मंगलवार को फेसबुक डेटा चोरी मामले का भंडाफोड़ करने वाले कैम्ब्रिज एनालिटिका के एक पूर्व कर्मचारी ने कहा कि कंपनी ने भारत में व्यापक रूप से काम किया था और उन्हें लगता है कि कांग्रेस पार्टी ने कंपनी की सेवाएं ली थीं. फर्जी खबरों से जुड़े मामलों की जांच कर रही ब्रिटेन की एक संसदीय समिति के समक्ष अपनी गवाही में उन्होंने यह बात कही.
डेटा लीक मामलों को लेकर गहराते विवाद के बीच क्रिस्टोफर विली ने हाउस ऑफ कॉमंस की डिजिटल, सांस्कृतिक, मीडिया और खेल समिति के समक्ष अपनी गवाही दी. संसदीय समिति के सदस्य और लेबर पार्टी के सांसद पॉल फेर्रेली ने विली से पूछताछ के दौरान सवाल किया, ‘‘जब आप फेसबुक के सबसे बड़े बाजार को देखते हैं, तो उपयोगकर्ताओं की संख्या के लिहाज से भारत शीर्ष पर आता है. स्पष्ट तौर पर वह एक ऐसा देश है, जहां राजनीतिक कलह है और अस्थिर किए जाने की गुंजाइश है.’’
विली ने जवाब दिया कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने भारत में व्यापक रूप से काम किया. भारत में उसका कार्यालय है. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कांग्रेस उनकी क्लाइंट थी. हालांकि मुझे किसी राष्ट्रीय परियोजना के बारे में नहीं मालूम है, लेकिन मैं क्षेत्रीय योजना के बारे में जानता हूं. भारत इतना बड़ा है कि एक राज्य ब्रिटेन जितना बड़ा हो सकता है. वहां उनके कार्यालय और कर्मचारी हैं.’’
विली ने समिति से भारत से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध कराने की पेशकश की, जिनका फेर्रेली ने स्वागत किया. फेर्रेली ने कहा कि भारत ऐसा देश है, जिसे अधिक तनाव नहीं चाहिए. विली ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती एससीएल समूह में चुनावों के प्रमुख डान मुरेसन भी भारत में काम कर रहे थे, जिनकी केन्या में रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई. विली ने दावा किया कि उन्हें ऐसी कहानियां सुनने को मिली हैं कि मुरेसन को होटल में शायद जहर दिया गया.