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बेकार गई चीन की चिकचिक, अब ऐसे होगी NSG में भारत की एंट्री! 23 को मिलेंगे PM मोदी-जिनपिंग

भारत की एनएसजी में एंट्री को लेकर अर्जेंटीना इस ग्रुप के अन्‍य देशों के साथ प्‍लान बी डिसकस कर रहा है. मालूम हो कि मौजूदा दौर में अर्जेंटीना एनएसजी ग्रुप की अगुवाई कर रहा है.

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अमेरिका भी भारत के समर्थन में
अमेरिका भी भारत के समर्थन में

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परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता को लेकर चीन लगातार अड़ंगा डाल रहा है. चीन ने सोमवार को यहां तक कह दिया कि सोल बैठक में भारत की एनएसजी सदस्यता बहस के एजेंडे में नहीं है. एनएसजी यह बैठक 24 जून को होनी है. इससे पहले 23 जून को पीएम मोदी उज्बेकिस्तान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलेंगे. लेकिन जहां चाह वहां राह, भारत के लिए रास्ता उसके चाहने वालों ने निकाल ही लिया. आइए जानें अब किस तरीके से भारत के मुरीद देश एनएसजी में करवाएंगे एंट्री.

1. इकोनॉमिक टाइम्‍स में छपी रिपोर्ट की मानें तो 9 जून को विएना में एक बैठक हुई. इसमें भारत की एप्‍लीकेशन स्‍वीकार कर ली गई थी. जिसका मतलब ये हुआ कि इंडिया की सदस्‍यता पर सोल बैठक में डिस्कशन हो सकता है.

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2. हालांकि 9 जून की इस बैठक में चीन ने भारत की एंट्री पर यह कहकर अड़ंगा लगा दिया कि एनएसजी पहले उन देशों को इसमें शामिल करने पर सहमति बनाए जिन देशों ने एनपीटी (नॉन प्रॉलिफरेशन ट्रीटी) पर साइन नहीं किए हैं.

3. भारत की एनएसजी में एंट्री को लेकर अर्जेंटीना इस ग्रुप के अन्‍य देशों के साथ प्‍लान बी डिसकस कर रहा है. मालूम हो कि मौजूदा दौर में अर्जेंटीना एनएसजी ग्रुप की अगुवाई कर रहा है.

4. मीटिंग में इस ग्रुप के 48 देशों में से 29 ने भारत की एंट्री का समर्थन किया. इस प्‍लान के तहत एक वर्किंग ग्रुप बनाया जाएगा, जो एनपीटी पर साइन न करने वालों को एनएसजी में एंट्री के लिए खाका तैयार करेगा.

5. इस प्‍लान के पीछे मकसद यह है कि सोल में कम से कम भारत की सदस्‍यता को लेकर चर्चा तो हो ही सकती है.

यहां ये जानना जरूरी है कि एनएसजी में वोटिंग के बजाय सभी की आम सहमति से ही अब तक काम होता आया है.

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