भारत का पड़ोसी देश मालदीव हाल ही में राजनीतिक संकट से गुजरा है. इस दौरान मालदीव चीन के काफी करीब आया और भारत के साथ संबंधों में कई तरह के सवाल खड़े हुए. इस बीच मालदीव ने भारत के 'मिलन' कार्यक्रम में आने से इनकार कर दिया है.
मिलन एक मल्टीलेवल नेवल एक्सरसाइज़ है जो कि भारतीय नेवी द्वारा आयोजित की जा रही है. भारत की ओर से इसमें शामिल होने के लिए मालदीव को निमंत्रण दिया गया था, लेकिन मालदीव ने इसे ठुकरा दिया है. ये एक्सरसाइज़ 6 से 13 मार्च को की जाएगी. इस अभ्यास में कुल 16 देश शामिल होंगे.
इन देशों में ऑस्ट्रेलिया, म्यांमार, न्यूज़ीलैंड, ओमान, वियतनाम, थाईलैंड, श्रीलंका, सिंगापुर, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, केन्या, कंबोडिया जैसे देश शामिल हैं.
Maldives was sent an invitation to attend 'Milan', a multilateral Naval exercise hosted by Indian Navy but it declined the invitation. This exercise will take place from 6-13 March: Navy Chief Admiral Sunil Lanba in Delhi pic.twitter.com/mjhkQfxDZp
— ANI (@ANI) February 27, 2018
वहीं इस बीच नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा ने राजधानी दिल्ली में एक कार्यक्रम को कहा कि हिंद महासागर में चीन की बढ़ती एक्टिविटी पर भारत की नजर है. पिछले कुछ समय में चीन की गतिविधियां बढ़ी हैं और इस समय करीब 8 से 10 जहाज हिंद महासागर में मौजूद हैं.
गौरतलब है कि मालदीव के मौजूदा संकट को देखते हुए अभी भारत के लिए कोई सख्त कदम उठाना बहुत मुश्किल है. इस पृष्ठभूमि में भारत और चीन पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर है. भारत ने मालदीव में सैन्य हस्तक्षेप से खुद को दूर रखा है और इस बात पर जोर दिया है कि वहां के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली को कायम करें.
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने अपने देश का संकट सुलझाने के लिए भारत से राजनयिक एवं सैन्य दखल देने की अपील की थी. मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन ने देश में आपातकाल लागू कर दिया था और सुप्रीम कोर्ट के जजों को गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि, भारत ने किसी प्रकार की सैन्य मदद नहीं भेजी थी, जिसके बाद मालदीव की चिंता सामने आई थी. इस बीच चीन ने लगातार इस मसले पर नज़र बनाई हुई थी, जिसके कारण मालदीव का रुख चीन की ओर गया.