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अमेरिका-पाक परमाणु करार के खिलाफ नहीं भारत: प्रणब

भारत ने संकेत दिया है कि उसे अमेरिका और पाकिस्‍तान के बीच असैन्‍य परमाणु करार पर कोई ऐतराज नहीं होगा. क्‍योंकि उसका मानना है कि प्रत्‍येक तेश को शांतिपूर्ण उद्देश्‍यों के लिए परमाणु ऊर्जा का इस्‍तेमाल करने का अधिकार है.

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भारत ने संकेत दिया है कि उसे अमेरिका और पाकिस्‍तान के बीच असैन्‍य परमाणु करार पर कोई ऐतराज नहीं होगा. क्‍योंकि उसका मानना है कि प्रत्‍येक तेश को शांतिपूर्ण उद्देश्‍यों के लिए परमाणु ऊर्जा का इस्‍तेमाल करने का अधिकार है. अमरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस के साथ 123 समझौते पर हस्‍ताक्षर के बाद एक संयुक्‍त संवाददाता सम्‍मेलन में विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा क‍ि हम शांतिपूर्ण उद्देश्‍यों के लिए असैन्‍य परमाणु सहयोग को प्रोत्‍साहित करना चाहेंगे.

पाकिस्‍तान की ओर से की गई भारत जैसे परमाणु करार की मांग पर प्रणब ने कहा कि हम समझते हैं कि हर देश को शांतिपूर्ण उद्देश्‍यों के लिए परमाणु ऊर्जा का इस्‍तेमाल करने का हक है. मुखर्जी ने कहा कि पाकिस्‍तान के साथ संबंध बेहतर बनाने के लिए भारत प्रतिबद्ध है और वह सभी लंबित मामलों को व्‍यापक बातचीत के माध्‍यम से सुलझाने की कोशिश कर रहा है. उन्‍होंने पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति आसिफ अली जरदारी के हाल के उस बयान को बेहद उत्‍साहजनक बताया जिसमें उन्‍होंने कहा था कि पाकिस्‍तान के लिए भारत कभी भी खतरा नहीं रहा और उनके देश को भारत-अमेरिकी परमाणु करार से कोई ऐतराज नहीं है.

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