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19 दिन में 80 से ज्यादा सीजफायर उल्लंघन, PAK से NSA वार्ता का फायदा क्या?

पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन करके भारतीय सीमा पर लगातार अशांति का माहौल बना रखा है. दोनों देशों में तनाव कायम है, ऐसे में शीर्ष स्तर के सुरक्षा अधिकारियों की मुलाकात के क्या मायने हैं जब सीमा पर शांति ही बन पा रही.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

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नए साल की शुरुआत में अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद पर नकेल कसने तक आर्थिक मदद रोक दी, दूसरी ओर पाकिस्तान एक के बाद एक करके भारत के खिलाफ सीजफायर का उल्लंघन करके भारतीय सीमा पर लगातार अशांति का माहौल बना रखा है. दोनों देशों में तनाव कायम है, ऐसे में शीर्ष स्तर के सुरक्षा अधिकारियों की मुलाकात के क्या मायने हैं जब सीमा पर शांति ही बन पा रही.

भारत ने स्वीकार किया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NIA) अजित डोभाल ने पिछले महीने थाइलैंड में अपने पाकिस्तानी समकक्ष नासिर खान से मुलाकात की थी. मीडिया में खबर आने के बाद सरकार की ओर से इस मुलाकात को स्वीकार किया. बावजूद इसके सीमा पर तनाव कम नहीं हुआ.

हालांकि 2013 से अधिकारिक स्तर पर दोनों देशों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है. अब खबर आ रही है कि पाकिस्तान की ओर से सीजफायर के लगातार उल्लंघन के बाद अब DGMO स्तर की वार्ता का प्रस्ताव दिया जा सकता है.

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साल 2018 के कैलेंडर में आज 19वां दिन है, लेकिन इस छोटी सी अवधि में उसने सारी हदें पार करते हुए 80 से ज्यादा सीजफायर का उल्लंघन कर डाला. 24 घंटे में दूसरी बार पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी शुरू की गई, शुक्रवार की सुबह पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर जम्मू-कश्मीर के आरएसपुरा, अरनिया, रामगढ़, हीरानगर सेक्टर में गोलीबारी की. उसकी ओर से हुई गोलीबारी में अब तक 1 महिला समेत 2 नागरिकों की मौत हो गई जबकि 7 लोग घायल हो गए हैं.

दोनों ओर से सीजफायर का उल्लंघन

दूसरी ओर, पाकिस्तान की ओर से भी यह आरोप लगाया गया है कि भारत ने 2018 में 110 से ज्यादा बार सीजफायर का उल्लंघन किया है. इस सीजफायर में 3 नागरिकों की मौत हो गई, जबकि 5 अन्य लोग घायल हो गए हैं.

सीमा पर हो रहे सीजफायर के उल्लंघन के कारण दोनों ओर लगातार तनाव का माहौल बना हुआ है. तनाव को कम करने के लिए डीजीएमओ स्तर की वार्ता शुरू की जा सकती है. हाल में सीमा पर बढ़ते टेंशन के कारण दोनों देशों ने अपने-अपने पक्ष में भारी नुकसान की बात कही है. कई लोगों के मारे जाने का दावा भी किया गया है.

मीडिया में आई खबरों के अनुसार, पाकिस्तान भारत के साथ डीजीएमओ स्तर की वार्ता के लिए प्रस्ताव देने पर विचार कर रहा है. 4 साल बाद सीमा पर तनाव कम करने और सीमा निर्धारण के लिए काम करने संबंधी डीजीएमओ स्तर की वार्ता हो सकती है.

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पाकिस्तान की रक्षा मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल्स ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) स्तर की नई वार्ता के लिए विचार किया जा रहा है. नवंबर में पाकिस्तान के अनुरोध पर टेलीफोन पर 2 बार डीजीएमओ स्तर की वार्ता हो चुकी है. भारत और पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ स्तर की बातचीत लगातार होनी चाहिए. लेकिन दोनों शीर्ष अधिकारियों के आमने-सामने बैठकर बातचीत हुए 4 साल हो गए. 24 दिसंबर, 2013 को बाघा सीमा पर यह वार्ता आखिरी बार हुई थी.

वहीं, आरएसपुरा और अरनिया क्षेत्र में हो रही फायरिंग पर गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर का कहना है कि कश्मीर में भी कुछ अलगाववादी नेताओं को पाकिस्तान से जो टेरर फंडिंग या दूसरी गतिविधियों के लिए फंडिंग होती रही है, उसके लिए उन पर कारवाई हुई थी. उसी को लेकर चार्जशीट फाइल हो रही है. आगे भी अगर इस तरीके की जानकारियां एजेंसियों को मिलेंगी, तो उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा. उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी.

2003 में भारत और पाकिस्तान ने लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर शांति कायम रखने के लिए सीजफायर घोषित किया और सीमा तय करने के लिए एक साथ काम करने पर राजी हुए थे. हालांकि लाइन ऑफ कंट्रोल पर पाकिस्तान की ओर लगातार सीजफायर की घटना आती है.

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने 2017 में 820 से ज्यादा मौकों पर सीजफायर का उल्लंघन किया. इस दौरान 200 से ज्यादा आतंकी भी मारे गए. हालांकि जम्मू-कश्मीर में 61 भारतीय सैनिक शहीद हो गए. जबकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारतीय सेना ने 15 जनवरी तक उसके क्षेत्र में 100 से ज्यादा सीजफायर किए हैं. उसकी ओर से दावा किया गया है कि 2017 में भारत ने 1,900 से ज्यादा मौकों पर सीजफायर का उल्लंघन किया है.

अभी डीजीएमओ स्तर की वार्ता पर कोई सहमति तो नहीं बनी है, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो क्या यह वार्ता सफल हो पाएगी. रोज-रोज के सीजफायर से दोनों देशों को मुक्ति मिले, यही दोनों देशों की अवाम चाहती है.

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