भारत-पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित विदेश सचिव स्तरीय वार्ता इस महीने भी संभवतः नहीं होगी. हालांकि दोनों मुल्कों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अब भी एक दूसरे के संपर्क में हैं और बातचीत की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं. पहले कहा जा रहा था कि विदेश सचिवों की यह वार्ता फरवरी अंत तक होगी.
जल्दबाजी में नहीं भारत
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार इस वार्ता की नई तारीखों को लेकर किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं है. भारत चाहता है कि पाकिस्तान पहले जैश-ए-मोहम्द के सरगना और पठानकोट एयरबेस पर हमले के गुनहगार मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई करे. भारत उसके खिलाफ सबूत सौंप चुका है, पर पाकिस्तान उन सबूतों को नकार रहा है.
आशंका तो इस 'मुलाकात' से ही थी
भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाली इस वार्ता उसी समय संकट में घिर गई थी, जब हाल ही में भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी से मिले थे. भले ही यह एक शिष्टाचार भेंट थी, लेकिन दोनों नेताओं के बीच कश्मीर को लेकर भी बात हुई थी. इससे पहले भी इसी मुद्दे को लेकर वार्ता टल चुकी है.
जनवरी से टलती आ रही है वार्ता
विदेश सचिवों की यह वार्ता 15 जनवरी को इस्लामाबाद में होनी थी. लेकिन इससे ऐन पहले 1-2 जनवरी की दरमियानी रात पठानकोट एयरबेस पर आतंकियों ने हमला कर दिया. इसके बाद भारत ने वार्ता रद्द कर दी. अब तक की जांच के मुताबिक हमले में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ है. हालांकि पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने कहा है कि वह अपनी सरजमीं को भारत के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने देंगे. लेकिन अब तक मसूद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.