पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ सशर्त बातचीत के लिए तैयार है. कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से बातचीत के जरिए भारत के साथ मौजूदा मुद्दों को हल करना चाहता है और अगर कोई देश मध्यस्थता करेगा तो पाकिस्तान उसका भी स्वागत करेगा.
कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार तो है, लेकिन यह तभी संभव होगा जब भारत समान रूप से इसमें दिलचस्पी लेगा. बातचीत के लिए शर्त रखते हुए कुरैशी ने कहा कि भारत को पहले जम्मू-कश्मीर से पाबंदियां हटानी चाहिए साथ ही नजरबंद किए गए कश्मीरी नेताओं को भी छोड़ देना चाहिए.
पाकिस्तान की इस पेशकश को भारत ने नजरअंदाज नहीं किया और सधी हुई प्रतिक्रिया दी. भारत के विदेश मंत्री ने नई दिल्ली का पक्ष रखते हुए कहा कि भारत पाकिस्तान से अन्य लंबित मुद्दों पर आतंक और हिंसा से मुक्त वातावरण में बात करने को तैयार है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये बयान ब्रूसेल्स में दिया. यूरोपियन यूनियन के कमिश्नर से बातचीत में एस जयशंकर ने कहा, "आतंक और हिंसा मुक्त वातावरण में भारत, पाकिस्तान के साथ अन्य मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है."
दीगर है कि भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की जो पेशकश की है उसमें साफ कहा गया है कि भारत पाकिस्तान के साथ 'अन्य' मुद्दों पर 'आतंक और हिंसा' से मुक्त वातावरण में बात करना चाहता है. यानी कि भारत ने साफ कर दिया है कि अनुच्छेद-370 पर अब बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है. अब वार्ता को लेकर पाकिस्तान की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जाएगा कि उसका अगला कदम क्या होगा? क्या पाकिस्तान के हुक्मरान अनुच्छेद-370 से इतर अन्य मुद्दों पर बात करना चाहेंगे?Underlined India's openness to discuss other outstanding issues bilaterally with Pakistan in an atmosphere free of terror and violence.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 30, 2019
हालांकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय से ऐसा कोई संकेत नहीं मिल रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक ही दिन पहले दुनिया के सामने एटम बम का प्रोपगैंडा दिखाना चाहा था. इमरान ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर एटमी ताकत से लैस दो पड़ोसी सीधे टकराव की स्थिति में आ गए हैं.