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अमेरिकी जासूसी के मद्देनजर सरकारी दफ्तरों में 'जीमेल' पर लग सकता है बैन

भारत सरकार अपने दफ्तरों में 'जीमेल' जैसी अमेरिकी ईमेल सेवाओं के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा सकती है. बताया जा रहा है कि अमेरिका के जासूसी कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए सरकार ऐसी तैयारी कर रही है.

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Gmail पर बैन!
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भारत सरकार अपने दफ्तरों में 'जीमेल' जैसी अमेरिकी ईमेल सेवाओं के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा सकती है. बताया जा रहा है कि अमेरिका के जासूसी कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए सरकार ऐसी तैयारी कर रही है.

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इस कदम का मकसद गुप्त सरकारी सूचनाओं को किसी भी हालत में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के हाथ न लगने देना है. माना जाता है कि अमेरिकी एजेंसियों की अमेरिकी ईमेल कंपनियों के डाटा तक सीधी पहुंच है.

अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट ग्लोबल पोस्ट पर छपी खबर के मुताबिक, सरकार ने कहा है कि वह जल्द ही अपने पांच लाख कर्मचारियों को नोटिस भेजकर कहेगी कि वे सिर्फ भारत के नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर की ओर से मुहैया कराई ईमेल सेवाओं का इस्तेमाल करें.

गूगल को नहीं दी गई है सूचना
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में सचिव जे सत्यनारायण के मुताबिक, 'जीमेल पर भारतीय यूजर जो डाटा डालते हैं, वह दूसरे देशों में देखा जा सकता है, क्योंकि जीमेल के सर्वर विदेश में ही हैं. हम सरकारी क्षेत्र में इस बात को रखने वाले हैं, जहां ढेर सारा गोपनीय डाटा है.' हालांकि गूगल को ऐसी कोई सूचना नहीं दी गई है.

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गौरतलब है कि अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी के पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन ने खुलासा किया था कि अमेरिका भारत समेत दुनिया के कई देशों में इंटरनेट पर निगरानी रख रहा है.

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