भारत ने पुणे के नजदीक हुए विमान हादसे के बाद अपने समूचे सुखोई 30 बेड़े की उड़ान रोक दी है और प्रत्येक विमान की गहन तकनीकी जांच पड़ताल की जा रही है. पुणे के पास सुखोई विमान दुर्घटनाग्रस्त
दोहरे इंजन वाला करीब 200 सुखोई 30 विमानों का बेड़ा तभी उड़ान भर पाएगा, जब तकनीकी समीक्षा में उसे हरी झंडी दिखाई जाएगी. भारतीय वायु सेना के प्रवक्ता विंग कमांडर सिमरनपाल सिंह बिर्दी ने कहा, ‘पुणे में हाल में हुई दुर्घटना के बाद बेड़े की उड़ान रोक दी गई है और इसकी गहन तकनीकी जांच की जा रही है. यह गहन पड़ताल के बाद ही उड़ान भर पाएगा.’ उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि बल किन तकनीकी पहलुओं को देख रहा है.
देश के पास मौजूद लड़ाकू विमानों के बेड़े का लगभग एक तिहाई हिस्सा सुखोई 30 लड़ाकू विमानों का है. पिछले हफ्ते एक सुखोई 30 एमकेआई पुणे के नजदीक दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह हादसा मानवीय त्रुटि के चलते नहीं, बल्कि फ्लाई बाई तार प्रणाली में समस्या के चलते हुआ था.
भारतीय वायु सेना ने प्रेस को जारी एक बयान में पायलटों विंग कमांडर एस मुंजे और फ्लाइंग अफसर अनूप सिंह की भूमिका पर उंगली उठाई थी.
उन्होंने कहा, ‘एसयू 30 एमकेआई विमान दुर्घटना की जांच की जा रही है. हादसे के असल कारण के बारे में जानने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी चल रही है.’ संयोगवश दो पायलटों में से एक पूर्व में हुए एक सुखोई-30 हादसे से भी संबद्ध है.