भारतीय रेलवे की ओर से 109 मार्गों पर 150 प्राइवेट ट्रेनें चलाने की जिम्मेदारी जिन निजी संचालकों को दी जाएगी उन्हें उन स्टेशनों को सेलेक्ट करने की भी छूट होगी जहां वे अपनी ट्रेनों का ठहराव चाहते हैं. रेलवे की ओर से जारी दस्तावेजों में इसकी जानकारी दी गई है. हालांकि, प्राइवेट ट्रेन संचालकों को पहले ही उन स्टेशनों की लिस्ट रेलवे को मुहैया करानी होगी जहां वे ट्रेनों के आरंभ और गंतव्य के अलावा ठहराव चाहते हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, निजी संचालकों को मार्ग के बीच में पड़ने वाले स्टेशनों पर ठहराव की लिस्ट के साथ ही यह भी बताना होगा कि ट्रेन कितने बजे स्टेशन पर आएगी और कब रवाना होगी. यह रेल परिचालन योजना का हिस्सा होगा. समझौते के मसौदे के मुताबकि, निजी संचालक को इसकी सूचना पहले देनी होगी और ठहराव की समय सारिणी एक साल के लिए होगी. इसके बाद ही बीच के स्टेशनों पर ठहराव की समीक्षा की जा सकती है.
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आवेदन पूर्व बैठक में शामिल एक निजी संचालक के सवाल पर रेलवे ने बताया कि कंपनी रियायत समझौते के नियम एवं शर्तों के मुताबिक, स्टेशनों पर ठहराव का फैसला करने में लचीला रुख अपना सकती है. हालांकि, रेलवे ने स्पष्ट किया है कि प्राइवेट ट्रेनों को उस रूट पर मौजूदा समय में सबसे तेज गति से चल रही ट्रेनों के ठहराव स्टेशनों से अधिक ठहराव रखने की अनुमति नहीं होगी. रेलवे को उन स्टेशनों को भी ठहराव में शामिल करना होगा जिनकी जरूरत बोगियों में पानी भरने, सफाई करने आदि के लिए होगी.
वहीं, भारतीय रेलवे ने पटरी पर प्राइवेट ट्रेनों के साथ-साथ प्राइवेट मालगाड़ी भी दौड़ाने का फैसला किया है. बता दें कि सरकार ने घोषणा कर दी है कि मार्च 2023 से प्राइवेट ट्रेनें चलनी शुरू हो जाएंगी. इसके अलावा भारतीय रेलवे, प्राइवेट ट्रेनों के साथ प्राइवेट मालगाड़ी को भी चलाने की योजना बना रहा है. संभावना जताई जा रही है कि जब प्राइवेट ट्रेनें पटरी पर दौड़ना शुरू करेंगी, तो प्राइवेट मालगाड़ियों के लिए भी घोषणा कर दी जाएगी.