प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा के दौरान परमाणु उर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए भारत और रूस कुडनकुलम की पांचवीं और छठी इकाइयों पर समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं. पीएम बुधवार से दो दिवसीय दौरे पर रूस जा रहे हैं.
और परमाणु रिएक्टर लगाने की योजना
सूत्रों ने बताया कि सरकार विभिन्न राज्यों में उपलब्ध परमाणु स्थलों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने की योजना भी बना रही है ताकि देश की बढ़ती उर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए और परमाणु रिएक्टर लगाए जा सकें. मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मास्को में एक सालाना शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूस जा रहे हैं.
सचिव स्तर पर हो चुकी है वार्ता
प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले परमाणु उर्जा विभाग (DAE) के रूसी समकक्ष रोसातोम के उप प्रमुख कार्यपालक अधिकारी निकोलाई स्पास्की 7-8 दिसंबर को भारत आए थे. माना जाता है कि इस यात्रा के दौरान उन्होंने कुडनकुलम परमाणु उर्जा संयंत्र की पांचवीं और छठी इकाइयों को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर की संभावना के संबंध में डीएई के सचिव शेखर बसु के साथ बातचीत की थी.
यह हो सकता है नीतिगत फैसला
माना जा रहा है कि यूनिट पांच और छह उतने ही मेगावाट की होंगी जितनी एक से चार तक की यूनिट हैं. हालांकि परियोजना की लागत के ब्योरे को अंतिम रूप दिया जाना अभी बाकी है. एक बड़ा नीतिगत फैसला यह हो सकता है कि सरकार इस बात पर जोर देगी कि राज्यों के पास एक स्थल पर एक से अधिक रिएक्टर होने चाहिए. यह फैसला परमाणु स्थल निर्माण के लिए उपलब्ध स्थान सीमित होने के संदर्भ में किया गया है.