चालू वित्त वर्ष की 31 दिसंबर को समाप्त तीसरी तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर 7.3 प्रतिशत रही. संशोधित आंकड़ों के मुताबिक, पहली तिमाही में यह 7.6 प्रतिशत तथा दूसरी तिमाही में 7.7 प्रतिशत रही थी . केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी विकास दर 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
अद्यतन संशोधित आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में विकास दर 7.2 फीसदी रही थी. इसमें कहा गया है कि आधार मूल्य पर सकल मूल्य वर्धन पिछले वित्त वर्ष के 97.27 लाख करोड़ रुपए से 7.3 प्रतिशत बढ़कर चालू वित्त वर्ष में 104.38 लाख करोड़ रुपए पर पहुंचने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2014-15 में इसमें 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में 'वित्तीय, बीमा, रियल इस्टेट और पेशेवर सेवाएं', 'व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से संबंधित सेवाओं' और विनिर्माण की विकास दर सात प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है. कृषि, वानिकी एवं फिशिंग की विकास दर 1.1 प्रतिशत; खनिज एवं चट्टान खनन की 6.9 प्रतिशत; बिजली, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य जनसुविधाओं की 5.9 प्रतिशत; निर्माण की 3.7 प्रतिशत तथा लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाओं की विकास दर 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
अनाजों के उत्पादन में आएगी कमी
सरकारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में अनाजों के उत्पादन में 0.5 प्रतिशत की कमी आएगी. पिछले वित्त वर्ष में इसमें 4.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. तिलहनों का उत्पादन 2014-15 के 16 प्रतिशत की तुलना में 4.1 प्रतिशत घटने का अनुमान है. वहीं, फलों तथा सब्जियों का उत्पादन 0.6 प्रतिशत बढने का अनुमान है. पिछले वित्त वर्ष में इनके उत्पादन में 1.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी.
विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2014-15 में यह 5.5 प्रतिशत रही थी. अप्रेल से दिसंबर के बीच चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में निजी विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर 9.9 फीसदी रही.
व्यापार, होटल एवं परिवहन तथा संचार एवं प्रसारण संबंधी सेवाओं की विकास दर 2015-16 में 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. पिछले वित्त वर्ष में इनमें 9.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी. वित्तीय, बीमा, रियल इस्टेट तथा पेशेवर सेवाओं की विकास दर 10.6 फीसदी के मुकाबले 2015-16 में 10.3 फीसदी रहेगी.