अब यह बात साफ हो गई है कि कश्मीर में शहीद हुए भारतीय सेना के कर्नल मुनीन्द्रनाथ राय और पुलिसकर्मी संजीवन सिंह को धोखे से मारा गया.
एक अखबार के मुताबिक कश्मीर के मिंदोरा गांव में दो आतंकी एक घर में छुपे हुए थे. इसकी सूचना जब सेना को मिली तो वहां के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल राय अपने सैनिकों के साथ पहुंचे. वहां उनकी मदद के लिए पुलिसकर्मी संजीव सिंह भी थे. कर्नल राय ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी और वे चाहते थे कि आतंकी आत्म समर्पण कर दें.
आतंकियों के घरवालों ने कहा कि वे उन पर गोली नहीं चलाएं और हम उनका आत्म समर्पण करवा देंगे. जब कर्नल राय घर वालों से बातचीत कर ही रहे थे तो दोनों आतंकी बाहर निकल कर आए और उन्होंने कर्नल और सिपाही पर गोली चलानी शुरू कर दी. दोनों को ही गोलियां लगीं लेकिन कर्नल राय ने तुरंत कार्रवाई की और उन पर गोलियां बरसाईं जिसमें दोनों आतंकी ढेर हो गए.
सेना मुख्यालय ने बताया कि कर्नल राय बहादुर ऑफिसर थे और उन्होंने वहां के नागरिकों की रक्षा के लिए पहले गोलियां नहीं चलाई और आतंकियों से आत्म समर्पण करने को कहा. अगर वे वहां सैनिक कार्रवाई करते तो बड़ी संख्या में लोग हताहत हो जाते. इस तरह की कार्रवाई बहुत संवेदनशील होती है. इसलिए कर्नल राय ने खुद ही सैनिकों के नेतृत्वन का फैसला किया.
घर में छुपे आतंकियों के घर वाले उनसे आत्म समर्पण को कह रहे थे और बातचीत चल रही थी कि आतंकियों ने धोखे से उन पर हमला कर दिया. श्रीनगर में सेना के लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा ने इसकी पुष्टि की. धोखे के बावजूद कर्नल और उनकी टीम ने तेजी से कार्रवाई की वरना कई लोग हताहत होते. सेना मुख्यालय ने कहा कि यह बटालियन स्तर का ऑपरेशन था और आम तौर पर इसकी कमान कमांडिंग ऑफिसर जो कर्नल होता है, उसके हाथ में होती है या सेकेंड कमांड इन जो लेफ्टिनेंट कर्नल होता है, के पास होती है.
दिसंबर में लेफ्टिनेंट कर्नल शुक्ला भी शहीद हो गए थे. 5 दिसंबर को उड़ी सेक्टर में सेने के साथ भयंकर मुठभेड़ में लेफ्टिनेंट कर्नल शुक्ला समेत कुल 11 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे. वह भी बटालियन स्तर का ऑपरेशन था.
नम आंखों से दी गई आखिरी विदाई
गुरुवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. वहां पर सेनाध्यक्ष दलबीर सिंह सुहाग भी मौजूद थे. उनके परिवार के सदस्यों ने दिल्ली कैंट इलाके के श्मशान घाट में उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किए. कर्नल की बेटी ने पिता को सैल्यूट किया और आखिरी विदाई दी. बहादुरी से उसने पिता को श्रद्धांजलि दी लेकिन अपने आंसू नहीं रोक सकी. कर्नल राय (39) को गणतंत्र दिवस के अवसर पर युद्ध सेवा मेडल से सम्मानित किया गया था. उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक पांच साल का बेटा है.