scorecardresearch
 

चीन को दृढ़ता से जवाब नहीं दे रहा है भारत: भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को आरोप लगाया कि यूपीए सरकार की कमजोर नीतियों के कारण चीन और पाकिस्तान बार-बार सीमापार से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ का साहस कर रहे हैं.

Advertisement
X
मोहन भागवत
मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को आरोप लगाया कि यूपीए सरकार की कमजोर नीतियों के कारण चीन और पाकिस्तान बार-बार सीमापार से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ का साहस कर रहे हैं.

Advertisement

दशहरा पर सालाना रैली को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, ‘हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर काले बादल मंडरा रहे हैं क्योंकि चीन सीमा पर बार-बार घुसपैठ कर हमारे संयम और धर्य की परीक्षा ले रहा है, इसके अलावा अपने उत्पाद हमारे देश में भर रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘चीन और पाकिस्तान बार बार भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कर रहे हैं जिसमें ताजा हमला पाकिस्तान की ओर से एक पुलिस थाने और जम्मू में सेना के शिविर पर किया गया.’

सरसंघचालक ने दावा किया, ‘जम्मू कश्मीर में किश्तवाड़ जिले में पाकिस्तान के समर्थन में नारा लगा रहे एक समुदाय के लोगों ने कुछ हिन्दू कारोबारियों पर हमला किया.’ उन्होंने यूरोपीय शिष्टमंडल के समक्ष दिये गए जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस बयान की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य भारत में सम्मलित हुआ था और औपचारिक रूप से विलय नहीं हुआ था.

Advertisement

मोहन भागवत ने देश की खस्ता आर्थिक स्थिति के लिए केंद्र में कांग्रेस नीत यूपीए सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि ऐसी स्थिति में भारत कैसे आर्थिक महाशक्ति बनेगा.

सरकार की लोकलुभावन योजनाओं का उल्लेख किये बिना सरसंघचालक ने कहा, ‘राजकोषीय घाटा, चालू खाते का घाटा और विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के कारण अर्थव्यवस्था का विकास रुक गया है, इसके साथ ही जीडीपी की तुलना में विदेशी कर्ज में तीव्र वृद्धि से स्पष्ट संकेत मिलता है कि हमारी आर्थिक नीतियां गलत हैं.’

भागवत ने कहा, ‘यह चिंता का विषय है कि हमें अंतरराष्ट्रीय बाजार में रूपये के मूल्य में आ रही गिरावट को रोकने की जरूरत पड़ रही है.’ उन्होंने ने राज्यों को अल्पसंख्यकों के समर्थन में भेजे गये गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के निर्देश पर भी प्रहार किया.

Advertisement
Advertisement