भारत ने बीते पांच वषरें में हालांकि किसी को भी मृत्युदंड नहीं दिया है लेकिन मानवाधिकार समर्थक एक प्रमुख संस्था ने सरकार से मौत की सजा पर रोक लगाने की आज मांग की.
अपनी वार्षिक रिपोर्ट में ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ ने 2004 से किसी को भी मौत की सजा नहीं देने का स्वागत किया लेकिन सरकार से अपील की कि वह अपना मिला जुला रिकार्ड दुरुस्त करे और इस सजा के उन्मूलन के संबंध में तेजी से आगे कदम बढ़ाये.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘लगातार पांचवें वर्ष भारत ने किसी को भी मौत की सजा नहीं दी लेकिन कई लोगों को पहले फांसी की सजा दी जा चुकी है.’’ अंतरिम महासचिव क्लाडियो कोडरेन ने कहा, ‘‘मृत्युदंड की सजा के बारे में व्यापक शोध करने के लिए सरकार को उच्चतम न्यायालय का सुझाव मानकर विधि आयोग या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाना चाहिए.’’