बीजेपी ने सीरिया पर किसी भी तरह की बाहरी सैन्य कार्रवाई का विरोध किया है. पार्टी ने बुधवार को कहा कि पश्चिमी ताकतें दुनिया भर में 'शांति स्थापना की पुलिस' नहीं हो सकतीं और भारत सरकार को यह बात जोरदार ढंग से अंतरराष्ट्रीय मंच पर रखनी चाहिए.
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान बीजेपी नेता जसवंत सिंह ने कहा, 'सीरिया का संकट आज सबसे गंभीर विध्वंसक घटना के रूप में उभर कर सामने आया है. वहां गृह युद्ध की प्रकृति असभ्य और बर्बर है जो कट्टरपंथ से प्रभावित है.'
गौरतलब है कि अगर अमेरिका और उसके सहयोगी देश सीरिया पर हमला करते हैं तो भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत और भी खस्ता हो सकती है.
पश्चिमी ताकतों पर भड़के जसवंत
जसवंत सिंह ने कहा कि अब सीरिया पर पश्चिमी ताकतों की ओर से हमले की पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है. लेकिन हमारी सरकार इसका उल्लेख नहीं कर पाई है. उन्होंने कहा, 'अमेरिका के राष्ट्रपति सीरिया पर हमले के विषय पर अपने देश की कांग्रेस (संसद) में प्रस्ताव लेकर गए हैं. पश्चिमी ताकतें दुनिया में शांति स्थापित करने की पुलिस नहीं हो सकती है. भारत को यह स्वीकार नहीं है.'
यूपीए सरकार की भी की खिंचाई
पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा, 'यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार ने इस विषय पर देर से प्रतिक्रिया दी और दुनिया के सामने इसे जोरदार ढंग ने नहीं उठाया.' बीजेपी नेता ने कहा कि अरब दुनिया में सीरिया का अहम स्थान है और वहां इस्लाम व ईसाई धर्म साथ साथ फला-फूला. ऐसे में इस क्षेत्र में कार्रवाई ठीक नहीं है.
खुर्शीद ने नहीं दिया जवाब
जसवंत सिंह ने कहा, 'पश्चिमी ताकतों को किसी भी देश में इस तरह की कार्रवाई का अधिकार नहीं है.' उन्होंने कहा कि एशिया में कोरिया से लेकर इराक, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप की वजह से पेशावर से मोरक्को तक का क्षेत्र बर्बाद हो गया है.
लगभग सभी दलों के सदस्यों ने सीरिया पर जसवंत सिंह के बयान का मेज थपथपाकर समर्थन किया. बीजेपी ने इस विषय पर विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद से जवाब मांगा, पर वह कुछ देर बाद सदन से उठ कर चले गए. इसका बीजेपी सदस्यों ने जोरदार विरोध किया.