scorecardresearch
 

'PK' से लड़ रहे देश को खा जाएगा चीनी ड्रैगन!

ये देश अजब है, यहां के लोग गजब हैं. वे इस मसले में उलझे हुए है कि 'पीके' ने उनकी भावनाओं को आहत किया है. लड़ रहे हैं, फिल्म के चलने का विरोध कर रहे हैं, लेकिन इस बात से अंजान दिखते हैं कि पड़ोस का ड्रैगन उन्हें अपने अर्थ तंत्र में जकड़ रहा है.

Advertisement
X
china
china

ये देश अजब है, यहां के लोग गजब हैं. वे इस मसले में उलझे हुए है कि 'पीके' ने उनकी भावनाओं को आहत किया है. लड़ रहे हैं, फिल्म के चलने का विरोध कर रहे हैं, लेकिन इस बात से अंजान दिखते हैं कि पड़ोस का ड्रैगन उन्हें अपने अर्थ तंत्र में जकड़ रहा है.

Advertisement

जी हां, इस देश को अर्थतंत्र के मोर्च पर चीन जकड़ रहा है. पड़ोसी मुल्क से होने वाला आयात इतना बढ़ चुका है कि अगर सरकार ने इमरजेंसी स्तर पर ठोस कदम नहीं उठाए, तो भारत आर्थिक मंदी और बेरोजगारी के भारी संकट में फंस जाएगा.

दरवाजे का हैंडल, खिड़की की चिटकिनी, नट, बोल्ट, कील, पेंच, प्लास और पेंचकस जैसे सामान भी चीन से इम्पोर्ट किए जा रहे हैं. इसके साथ ही वॉश बेसिन, टोटी, पाइप और बॉथरूम की बाकी फिटिंग भी चीन से आ रही है. चीन हमें कंघी, कैंची, शीशा, उस्तरा और ब्लेड भी इम्पोर्ट कर रहा है.

गौरतलब है कि ये सभी सामान पिछले 70-80 सालों से भारत में निर्मित किए जा रहे थे, लेकिन अब ये लघु उद्योग बंद होते जा रहे हैं. चीन से सालाना आयात 1.46 लाख करोड़ रूपए से बढ़कर 3.13 लाख करोड़ रुपये हो गया है.

Advertisement

कहा जा सकता है कि समय रहते अगर इस देश के लोग और सरकार ना संभले, तो 'पीके' में उलझा यह देश आर्थिक मोर्च पर ड्रैगन का शिकार बन जाएगा.

Advertisement
Advertisement