तुर्की के द्वारा सीरिया में बम बरसाने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. सीरिया से अमेरिकी सेना के हटते ही तुर्की लगातार सीरिया में हमला कर रहा है और कुर्दिश लड़ाकों को निशाना बना रहा है. इसी पर गुरुवार को भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया दी गई है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत तुर्की के एक्शन पर चिंतित है और सीरिया के साथ शांति के साथ बात करने की अपील करता है.
गुरुवार को जारी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि भारत अपील करता है कि तुर्की सीरिया की स्वायत्तता का सम्मान करे और अगर कोई विवाद है तो उसे बातचीत से सुलझाने की कोशिश करे. तुर्की के द्वारा नॉर्थ-ईस्ट सीरिया में हो रही बमबारी काफी चिंता का विषय है.
MEA: We call upon Turkey to exercise restraint and respect the sovereignty and territorial integrity of Syria. We urge the peaceful settlement of all issues through dialogue and discussion. https://t.co/ACPDy6haVD
— ANI (@ANI) October 10, 2019
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि तुर्की का एक्शन सीरिया और आसपास के क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर कर सकता है. साथ ही साथ मानवता और स्थानीय नागरिकों के लिए भी काफी चिंता का विषय है.
गौरतलब है कि बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने का ऐलान किया था. मंगलवार-बुधवार से ही सीरिया के कुछ क्षेत्रों से अमेरिकी सेना वापस आने लगी और तुरंत सीरिया की सेना ने वहां मौजूद कुर्दिश के लड़ाकों पर हमला बोलना शुरू कर दिया. खुद तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एद्रोगन ने ट्विटर पर इन हमलों का ऐलान किया था.
तुर्की पर विदेश मंत्रालय की प्रेस रिलीज़
तैयप एद्रोगन ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा था कि तुर्की सेना ने सीरिया की सेना के साथ मिलकर ऑपरेशन शांति की शुरुआत की है, इसमें दायश के आतंकियों को निशाना बनाया जा रहा है. हमारी कोशिश यहां पर शांति भरा इलाका बनाने में है, इसके लिए आतंकियों का खात्मा करना जरूरी है.
तुर्की की ओर से जिन कुर्दिश लड़ाकों पर हमला किया जा रहा है, उन्होंने सीरिया में इस्लामिक स्टेट (IS) के खिलाफ लड़ाई में अमेरिकी सेना का साथ दिया था.
बता दें कि बीते दिनों तुर्की ने जम्मू-कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया था, इसके अलावा तुर्की के राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी कश्मीर का मसला उठाया था. हालांकि, भारत की ओर से तुर्की को अपने फैसले पर दोबारा सोचने की अपील की गई थी.