इस्लामिक स्टेट के खिलाफ जंग में भारत फ्रांस के साथ है. भारत सरकार की ओर से गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को यह आधिकारिक ऐलान किया. रिजिजू ने कहा कि फ्रांस ने जो आईएसआईएस के खिलाफ जो जंग शुरू की है, उसमें भारत फ्रांस का सहयोग करेगा. ये जंग अकेले भारत की नहीं है. पेरिस हमलों को फ्रांस ने युद्ध करार दिया है और इस्लामिक स्टेट (ISIS) के खिलाफ जंग का ऐलान भी कर दिया है.
ऐसे मदद करेगा भारत
रिजिजू ने कहा कि भारत खुफिया सूचनाओं से लेकर हर वह जानकारी फ्रांस के साथ साझा करेगा, जिससे आतंक का खात्मा किया जा सके. उन्होंने कहा कि आतंकवाद का सामना पूरे विश्व को मिलकर करना पड़ेगा. ये केवल फ्रांस या भारत की लड़ाई नहीं है, पूरे विश्व की लड़ाई है.
यह आतंक के खिलाफ लड़ाई है
रिजिजू ने कहा कि अभी फ्रांस में हमला हुआ है, कल हम पर भी हो सकता है. आतंकवाद आतंकवाद होता है. अच्छा और बुरा आतंकवाद नहीं होता. हमने फैसला किया है कि हम आतंक के खिलाफ इस लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर फ्रांस के साथ खड़े रहेंगे. ब्रिक्स सम्मेलन में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की था कि आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को एकजुट हो जाना चाहिए .
फ्रांस ने शुरू किए हवाई हमले
हमलों के बाद पहली बड़ी कार्रवाई में फ्रांस ने सोमवार को ही सीरिया में आईएसआईएस के ठिकानों पर हवाई हमले किए. फ्रांस ने आईएसआईएस के सबसे बड़े ठिकाने रक्का पर हमले तेज कर दिए हैं. वह रक्का को अपनी राजधानी बताता है.
जी-20 का भी यही मकसद
एक दिन पहले ही रविवार को जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा था कि अब इस्लामिक स्टेट को नेस्तनाबूद करना ही मकसद है. मोदी ने कहा था- इसके लिए पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा. जी-20 सम्मेलन का मुख्य एजेंडा ही आतंकवाद था. क्लाइमेट चेंज पर इसके बाद बात हुई.