चीन के अपने हालिया नक्शे में अरुणाचल प्रदेश को अपने भूभाग के तौर पर दिखाने की खबरों पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. भारत ने शनिवार को जोर देकर कहा कि अरुणाचल देश का अभिन्न हिस्सा है और नक्शों से जमीनी स्थिति नहीं बदलती है.
हालिया चीनी मानचित्र के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'मानचित्र चित्रण जमीनी हकीकत को नहीं बदलती है.' हालिया चीनी मानचित्र में अरुणाचल और दक्षिण चीन सागर में विवादास्पद क्षेत्रों को चीन ने अपने भूभाग के तौर पर दर्शाया गया है.
अभी चीन में ही हैं उपराष्ट्रपति
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'अरूणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अलग न किया जा सकने वाला हिस्सा है
इस तथ्य को चीनी अधिकारियों को बेहद सर्वोच्च स्तर समेत कई बार बता दिया गया है.' उन्होंने यह भी संकेत दिया
कि इस मुद्दे को उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल उठा सकता है जो फिलहाल पंचशील की
60 वीं सालगिरह के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए चीन में ही है. पंचशील के तहत शांतिपूर्ण
सह अस्तित्व के पांच सिद्धांत हैं.
प्रवक्ता ने कहा, 'यह द्विपक्षीय चिंताओं के सभी मुद्दों को उठाने का सामान्य दस्तूर है.' उन्होंने यह बात तब कही जब उनसे पूछा गया कि क्या अंसारी चीनी नेतृत्व के साथ अपनी बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाएंगे.
हालांकि लद्दाख क्षेत्र में चीनी सैनिकों के नए सिरे से घुसपैठ करने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने इस तरह की घटना की न तो पुष्टि की और न ही उसका खंडन किया. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे भारतीय सैनिक हमारी जमीन की रक्षा करने में सक्षम हैं.