मंगल मिशन में इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. इसरो की योजना के मुताबिक भारत का मंगल आर्बिटर यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से शनिवार मध्यरात्रि के कुछ देर बाद 300 दिनों की यात्रा पर दूर अंतरिक्ष में ‘लाल ग्रह’ के लिए निकल गया. आर्बिटर अब मंगल की यात्रा पर आगे बढ़ गया है.
यह मिशन की सबसे अहम प्रक्रिया (ट्रांस मार्स इजेंक्शन-टीएमआई) थी. इसके जरिए अंतरिक्षयान को मार्स ट्रांसफर ट्रेजेक्टरी में उतने वेग से भेज गया जितना कि इसे पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से निकालने के लिए जरूरत थी. यह एक अहम प्रक्रिया इसलिए भी है कि इससे यह अनुमान मिलेगा कि अंतरिक्ष यान 24 सितंबर, 2014 को शाम पौने सात बजे मंगल के चारों ओर की दीर्घवृत्ताकार निर्धारित कक्षा से 50 किलोमीटर आगे या पीछे होगा.
5 नवंबर को श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी सी 25 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किए जाने के बाद से यह अंतरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षा में था.