भारत ने उड़ीसा के तटीय व्हीलर आईलैंड से परमाणु सक्षम और जमीन से जमीन पर मार करने वाली अग्नि-2 प्रक्षेपण मिसाइल का परीक्षण किया. लगभग 2,000 किमी की मारक क्षमता वाली इस मिसाइल का परीक्षण सेना द्वारा इस्तेमाल के दौरान किया गया है.
रक्षा सूत्रों ने बताया कि इस स्वदेशी मिसाइल का परीक्षण सेना के स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (एसएफसी) के जवानों ने किया. इसका परीक्षण सुबह लगभग साढ़े नौ बजे एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के लांच कांप्लेक्स-4 से किया गया.
इस मिसाइल को देश के परमाणु निवारण कार्यक्रम के एक अहम तंत्र के तौर पर विकसित किया गया है. इनका निर्माण लगातार जारी है और इन्हें सशस्त्र बलों के बेड़े में शामिल भी किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि इनका निर्माण एडवांस्ड सिस्टम लेबोरेटरी और रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) की अन्य प्रयोगशालाओं में हो रहा है.
इस मिसाइल की लंबाई 20 मीटर, व्यास एक मीटर और वजन लगभग 17 टन है. मिसाइल की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए इसमें विशेष नेविगेशन तंत्र लगा है. इसका रेल और सड़क मार्ग से परिवहन भी किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, इसका पिछला परीक्षण 29 अगस्त को किया जाना था, लेकिन तकनीकी परेशानी के कारण उसे टाल दिया गया. इसके पहले इस मिसाइल का पिछले साल 17 मई को सफल परीक्षण हुआ था.