भारत ने रविवार को उड़ीसा तट पर बंगाल की खाड़ी में एक युद्धपोत से युद्ध कौशल से परिपूर्ण 290 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के लम्बवत प्रक्षेपण संस्करण का सफल परीक्षण किया.
भारत युद्ध कौशल से परिपूर्ण (मैन्यूवरेबल) इस तरह की मिसाइल रखने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है.
ब्रह्मोस एरोस्पेस के प्रमुख ए सिवाथनु पिल्लई ने बताया ‘‘आज 11 बजकर 30 मिनट पर भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस रणवीर से मिसाइल के लम्बवत प्रक्षेपण संस्करण का परीक्षण किया गया और इसने लक्ष्य के रूप में एक पोत को सफलतापूर्वक निशाना बनाया. इसने बिल्कुल अचूक निशाना लगाया और यह एक अचूक मिशन था.’’
उन्होंने नयी दिल्ली में कहा ‘‘आज के परीक्षण के बाद भारत अपने हथियारों के जखीरे में इस तरह की मिसाइल रखने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है.’’ अलग-अलग संदेशों में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और रक्षामंत्री एके एंटनी ने ब्रह्मोस के वैज्ञानिकों और नौसना को सफल परीक्षण के लिए बधाई दी.
पिल्लई ने कहा कि मिसाइल का सॉफ्टवेयर उन्नत है और आज के परीक्षण में इसने सुपरसोनिक गति से लक्ष्य को निशाना बनाने से पहले अपने युद्धकौशल का अनूठा प्रदर्शन किया.
ब्रह्मोस अधिकारियों ने बताया, ‘‘परीक्षण के दौरान मिसाइल ने फ्री फ्लोटिंग जहाज को वाटरलाइन के उपर से भेद दिया और उसे बिल्कुल क्षतिग्रस्त कर दिया.’’ यह परीक्षण नौसेना में शामिल किए जाने से पहले किए जाने वाले परीक्षण का हिस्सा था क्योंकि इस मिसाइल को जहाज में तैनात करने की प्रक्रिया प्रगति पर है. इस हथियार प्रणाली का डिजाइन और विकास भारत रूसी संयुक्त उपक्रम कंपनी ने किया है.
अधिकारियों ने बताया कि रूस में निर्माणाधीन भारतीय नौसेना की तलवार श्रेणी के सभी तीन जहाजों में लंबवत लांचरों को लगाया गया है और कई अन्य जहाजों को भी इनसे लैस किया जाएगा.