भारत ने अपने परमाणु क्षमता से लैस 350 किलोमीटर की मारक क्षमता वाले बालिस्टिक प्रक्षेपास्त्र ‘धनुष’ का उड़ीसा तट के निकट एक नौसैनिक पोत से परीक्षण किया. रक्षा सूत्रों ने यह जानकारी दी. भारतीय नौसेना ने प्रशिक्षण उद्देश्यों से इस प्रक्षेपास्त्र का प्रक्षेपण किया.
इसके तुंरत बाद ही उड़ीसा के चांदीपुर तट के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) से परमाणु क्षमता वाली पृथ्वी-टू बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया.
‘धनुष’ की भारवाहक क्षमता 500 किलोग्राम है और यह परंपरागत और परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम है. यह समुद्र में और तट पर दोनो तरह के लक्ष्य भेद सकता है.
सूत्रों ने बताया कि तरल ईंधन से संचालित यह प्रक्षेपास्त्र भारत के स्वदेश में ही विकसित सतह से सतह में मार करने वाले ‘पृथ्वी’ प्रक्षेपास्त्र प्रणाली का नौसैनिक संस्करण है.
उन्होंने बताया, ‘धनुष का विकास रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान ने किया है और नौसेना के वैज्ञानिकों तथा अधिकारियों के संयुक्त दल ने इसका परीक्षण किया.’
सूत्रों ने बताया, ‘अत्याधुनिक राडार और अन्य उपकरणों के समन्वित नेटवर्क के जरिए प्रक्षेपास्त्र के प्रक्षेपण से लेकर लक्ष्य को भेदने तक की हर गतिविधि पर नजर रखी गई.’
हालांकि 11 अप्रैल 2000 को विकास के चरण में इस प्रक्षेपास्त्र का पहला परीक्षण असफल रहा था और उड़ान भरने में कुछ तकनीकी समस्या पैदा हो गई थी, लेकिन उसके बाद के परीक्षण सफल रहे.
‘धनुष’ का इससे पहले 27 मार्च 2010 को उड़ीसा तट के निकट बंगाल की खाड़ी से आईएनएस सुभद्रा से सफल परीक्षण किया गया था.